शनि अमावस्या पर करें मंत्रों का स्मरण, लक्ष्मी की कामना होगी पूरी

Thursday, Nov 16, 2017 - 09:44 AM (IST)

18 नवम्बर को अमावस्या के दिन शनिवार पड़ रहा है इसलिए इस दिन शनि देव का प्रिय दिन शनैश्चरी अमावस्या कहलाएगा। शनि संबंधी चिंताओं का निवारण करने में शनि मंत्र विशेष रूप से शुभ रहते हैं। शनि अमावस्या अथवा शनिवार को शनि मंदिर में जाकर शनि जी के स्वरूप को सरसों अथवा तिल का तेल, काले तिल, काले वस्त्र, उड़द की दाल, फूल व तेल से बनी मिठाई या पकवान समर्पित करते हुए लक्ष्मी की कामना से नीचे लिखे शनि मंत्रों का स्मरण करें -

ॐ धनदाय नम:

ॐ मन्दाय नम:

ॐ मन्दचेष्टाय नम:

ॐ क्रूराय नम:

ॐ भानुपुत्राय नम:


शनि से पीड़ित जातक शनि यंत्र धारण करें तथा काला वस्त्र व नारियल को तेल लगाकर, काले तिल, उड़द की दाल, घी आदि वस्तुएं अंध विद्यालय, अनाथालय या वृद्धाश्रम में दान करें।


पितृ दोष से पीड़ित जातकों द्वारा काली गाय का दान करने से 7 पीढिय़ों का उद्धार होता है। 


शनि प्रकोप व संतान से पीड़ित जातक को उड़द की दाल के पकौड़े, काली गुलाब जामुन एवं इमरती (जलेबी के आकार वाली) 101 कुत्तों एवं कौवों को खिलाएं। 


व्यापार में घाटा हो रहा है या कर्ज बढ़ रहा है तो व्यापार वृद्धि व कर्ज निवारण मंत्र के साथ अभिमंत्रित एकाशी श्रीफल व लघु नारियल को तेल व सिंदूर लगाकर सायंकाल शनि मंदिर में चढ़ा दें या नदी में प्रवाहित कर दें। यह अचूक प्रयोग है। 

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