Shani Amavasya 2021: शनि कृपा चाहते हैं तो आज ये करना न भूलें

Saturday, Dec 04, 2021 - 08:29 AM (IST)

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Shani Amavasya December 2021: शनि पूजा के लिए शनिश्चरी अमावस्या से अच्छा दिन और नहीं हो सकता। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों में न्यायाधीश का पद शनिदेव को प्राप्त है। वह ताकत एवं ऊंचे पद का दुरुपयोग व बुरे कर्म करने वालों को उनके कर्मों के अनुसार सजा देते हैं तथा मेहनती एवं सद्कर्म करने वालों की उन्नति के रास्ते खोल देते हैं। शनि अमावस्या पर इनकी विशेष कृपा भक्तों पर होती है।
 

Shani Amavasya 2021 Date: आज शनि अमावस्या है। जब सूर्य-चंद्रमा एक राशि में आते हैं और उस तिथि में शनिवार हो तो शनि अमावस्या कहलाती है। आज आशिंक सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है, जो भारत में मान्य नहीं होगा।  आज के दिन किए गए दान-पूजन अक्षय फल देने वाले होते हैं। जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष, कालसर्प दोष एवं शनि प्रकोप होता है, उन जातकों पर प्रेत बाधा, जादू-टोना, डिस्क-स्लिप, नसों के रोग, बच्चों में सूखा रोग, गृह क्लेश, असाध्य बीमारी, विवाह का न होना, संतान का शराबी बनना एवं कभी-कभी अकाल दुर्घटना का कारण भी बन जाता है।


What to do on shani amavasya 2021 अचूक उपाय
किसी पवित्र नदी, तीर्थ स्थान या महाराष्ट्र के शिंगणापुर के शनि मंदिर में स्नान करें और गणेश पूजन, विष्णु पूजन, पीपल का पूजन इस प्रकार करें। पीपल पर जल चढ़ाएं, पंचामृत चढ़ाकर गंगाजल से स्नान कराएं, रोली लपेट कर जनेऊ अर्पण करके पुष्प चढ़ाएं और नैवेद्य का भोग लगाकर नमस्कार करें। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा शनि मंत्र का जाप करते हुए करें और पीपल पर सात बार कच्चा सूत बांधें।
 

Shani amavasya daan दान वस्तु
भैंसे या घोड़े को चने खिलाएं और एक काली किनारी वाली धोती-कुर्ता, उड़द के पकौड़े, इमरती, काले गुलाब जामुन, छतरी, तवा-चिमटा आदि वस्तुओं का शनि मंदिर के पुजारी को दान देना चाहिए।

शनि से पीड़ित जातक शनि यंत्र धारण करें तथा काला वस्त्र एवं नारियल को तेल लगाकर काले तिल, उड़द की दाल, घी आदि वस्तुएं अंधविद्यालय, अनाथालय या वृद्धाश्रम में दान करें। पितृ दोष से पीड़ित जातकों को काली गाय का दान करने से 7 पीढिय़ों का उद्धार होता है।  

शनि प्रकोप एवं संतान से पीड़ित जातक उड़द की दाल के पकौड़े, काले गुलाब जामुन एवं इमरती 101 कुत्तों एवं कौओं को खिलाएं।

व्यापार में घाटा हो रहा है या कर्ज बढ़ रहा है तो अभिमंत्रित एकाक्षी श्रीफल एवं लघु नारियल को तेल एवं सिंदूर लगाकर सायंकाल शनि मंदिर में चढ़ा दें या नदी में विसर्जित कर दें। 
 

Niyati Bhandari

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