Shani Amavasya 2022: आज अवश्य करें ये काम, शनि और पितर कर देंगे आपको आबाद

Saturday, Aug 27, 2022 - 08:04 AM (IST)

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Bhadrapada Amavasya 2022: भाद्रपद मास में पड़ने वाली अमावस्या को पिठौरी अमावस्या कहते हैं। धार्मिक क्रियाओं के लिए इस अमावस्या को कुशा एकत्रित की जाती है। जिस कारण इसे कुशा ग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण और पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है। इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या आज यानी 27 अगस्त शनिवार को पड़ने के कारण शनि अमावस्या के रुप में मनाई जाएगी। जिसका विशेष महत्व है। शनि पूजन का अमावस्या के दिन अधिक लाभ मिलता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए विशेष प्रकार से शनि के दान करने चाहिए। ऐसा करने से शनि संबंधित सभी बुरे प्रभावों से छुटकारा मिलता है।



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इस दिन कुशा घास की मुद्रिका बनाकर पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है। पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ-साथ शनि महाराज के मंत्रों द्वारा पीपल के वृक्ष पर अर्घ्य देने से विशेष लाभ मिलता है।



शनि मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः

भाद्र मास की अमावस्या को गौ सेवा करें और उन्हें हरी घास खिलाएं। ऐसा करने पर कईं जन्मों के पुण्यों की प्राति होती है व धन की प्राप्ति होती है।



आज के दिन काले तिल, सरसों का तेल और आटे का दीपक शनि देव के आगे पितरों का ध्यान करते हुए चढ़ाएं। इस उपाय से कारोबार में वृद्धि तो होगी साथ ही साथ जीवन में चल रहा बुरा दौर भी समाप्त होगा।



आज के दिन किया गया दान विशेष लाभ देता है। शनि अमावस्या पर भिखारियों, भंगियों, काले और एक आंख वाले व्यक्ति को भोजन करवाने से शनि महाराज की कृपा बनी रहती है।

नीलम
8847472411

Niyati Bhandari

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