शनि, राहु-केतु की घातक तिकड़ी को बेअसर करता है कुत्ता

Thursday, Dec 01, 2016 - 11:56 AM (IST)

शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी हरकतों से शुभ-अशुभ का भी ज्ञात करवाता है। उन्‍हें हर मुसीबत का पहले ही अंदाजा हो जाता है। सेफ्टी के लिए कुत्ता पालना सबसे बेहतर विकल्प है। कुत्ता बड़ा ही संवेदनशील और होशियार जानवर माना जाता है क्योंकि कुत्ते वफादार होते हैं और घरों की रखवाली के लिए ये सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।


शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है घर में काला कुत्ता पालना। काला कुत्ता शनिदेव का वाहन है। जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं। शनि देव की कृपा के उपरांत जातक को परेशानियों से सदा के लिए निजात मिल जाती है। साढ़ेसाती, ढैय्या या कुंडली का अन्य कोई दोष इस उपाय से निश्चित ही ठीक हो जाता है।


कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीड़‍ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।


लाल किताब में केतु को कुत्ता माना गया है। घर में किसी भी रंग के कुत्ते को पालने से केतू के खराब प्रभाव को कम किया जा सकता है। ज्योतिषी के अनुसार केतु का प्रतीक है कुत्ता। पितृ शांति के लिए कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए। कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाने से सभी तरह के संकट दूर होते हैं। घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना नहीं होती।


कुत्ते को भगवान भैरव का परमप्रिय माना गया है। भगवान भैरव का वाहन कुत्ता है इसलिए काल भैरव जयंती, रविवार और मंगलवार कुत्ते की भी पूजा की जाती है। कहते हैं कि अगर कुत्ता काले रंग का हो तो पूजा का माहात्म्य और बढ़ जाता है। कुछ भक्त तो उसे प्रसन्न करने के लिए दूध पिलाते हैं और मिठाई खिलाते हैं। सवा किलो जलेबी बुधवार के दिन भैरव नाथ को चढ़ाएं और कुत्तों को खिलाएं। घर पर आने वाले सभी संकटों से मुक्ति पाएं।
 

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