अगर आप भी रखना चाहते हैं शालिग्राम को घर तो पहले याद कर लें ये नियम

Wednesday, Nov 13, 2019 - 09:30 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का बहुत अधिक महत्व होता है। हर कार्य को शुरू करने से पहले पूजा करनी और उसमें भगवान को याद करना बेहद जरूरी होती है। हर हिंदू के घर में किसी न किसी देवी-देवता की प्रतिमा देखने को मिल ही जाती है और उसे रखने का कारण भी। बहुत से घरों में शालिग्राम भगवान भी पूजे जाते हैं। यह शिवलिंग से मिलता-लता एक पत्थर होता है जो कि नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गंडकी नदी के तट पर ही पाया जाता है। बता दें कि शालिग्राम भगवान विष्णु का ही रूप है। लेकिन इन्हें घर में रखने से पहले हर किसी को इससे जुड़े नियमों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए आगे जानते हैं इनके नियमों के बारे में। 

बता दें कि इन्हें अगर पूरे विधि-विधान के साथ घर में रखा जाए तो ये उस घर पर अपनी कृपा बरसाते रहते हैं। लेकिन भूलकर भी अगर इनके पूजन में गलती हो जाए तो व्यक्ति को पाप का भागीदार बनना पड़ता है। 

शास्त्रों के अनुसार शालिग्राम पूजन करने से अगले-पिछले सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति हर ओर से सुखी रहता है।शालिग्राम वैष्णव धर्म का सबसे बड़ा विग्रह है। इन्हें सात्विकता के प्रतीक हैं। उनके पूजन में आचार-विचार की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। यदि आप मांस या मदिरा का सेवन करते हैं तो यह आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। इसलिए नान-वेज खाना बंद करना होगा। 

कहते हैं कि कुछ समय को छोड़कर शालिग्राम की प्रतिदिन पूजा करना जरूरी है। ऐसे समय है रोग, यात्रा या रजोदर्शन आदि। घर में सिर्फ एक ही असली शालिग्राम रखना चाहिए। कई घरों में बहुत से शालिग्राम होते हैं जोकि उचित नहीं है।

शालिग्राम को प्रतिदिन पंचामृत से स्नान कराया जाता है। इसके साथ ही चंदन लगाकर उनके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। ध्यान रहे कि चंदन भी असली होना चाहिए। जैसे चंदन की एक लकड़ी को लाकर उसे शिला पर घिसे और फिर शालिग्राम जी को चंदन लगाएं।

नोट- यदि आप खुद को मांस, मदिरा, गाली-गलोच, स्त्री अपमान आदि जैसी बुराईयों से दूर नहीं रखते हैं और उपरोक्त पांच नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको शालिग्राम को भी घर में नहीं लाना चाहिए। 

Lata

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