शास्त्र कहते हैं: स्त्री पुरूष इन स्‍थ‌ित‌ियों में रहें दूर, संबंध बनाने से बचें

Thursday, Nov 10, 2016 - 11:09 AM (IST)

मनुस्मृति को हिन्दू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण एवं प्राचीन धर्मशास्त्र माना गया है। स्वायंभुव मनु द्वारा लिखित शास्त्र मनुस्मृति भारतीय आचार-संहिता का विश्वकोश है। जिसमें 12 अध्याय और 2500 श्लोक हैं। इस ग्रंथ में ब्रह्मा जी के पुत्र मनु महाराज ने ऋषियों को उपदेश दिया है। हिन्दू मानते हैं की मनुस्मृति में कहा गया प्रत्येक शब्द ब्रह्मा की वाणी है। जिसमें मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए कुछ न‌ियमों को निर्धारित किया गया है। जिससे कोई भी व्यक्ति शिरोधाय करके स्‍वस्‍थ और सुखी जीवन व्यतित कर सकता है। इसमें खास हैं स्त्री-पुरूष संबंध, जिससे की संसार का संचालन होता है। शास्त्र कहते हैं, स्त्री पुरूष को इन स्‍थ‌ित‌ियों में एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।


* जब स्‍त्री या पुरुष अपना विवेक खो चुके हों तब उन्हें एक दूसरे से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। 


*  जिस व्यक्ति की निद्रालोप हो गई हो उसके साथ दूरियां बनाकर रखें।


* थकावट के समय स्त्री पुरूष मिलन स्वास्‍थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।


*  अभिलाषा को अंजाम देने की भाव-दशा में नजदीकीयां नहीं बनानी चाहिए, आदर पर आंच आ सकती है।


* जब दिमाग पर कोई परेशानी अथवा कष्ट हावी हो रहा हो तो उस समय संबंध बनाने से दर्द और बढ़ जाता है।


* किसी पुरूष को तब तक विवाह बंधन में नहीं बंधना चाहिए जब तक उसकी आर्थिक स्थिती मजबूत न हो।


* रोगी व्यक्ति को यौन संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए। यदि गर्भधारण हो जाए तो होने वाली संतान के अस्वस्‍थ होने की संभावना बनी रहती है।


* महिलाओं का जब ऋतुकाल चल रहा हो उस समय पुरूषों को स्वयं पर कंट्रोल रखना चाहिए, इसका बुरा प्रभाव स्वास्‍थ्य पर तो पड़ता ही है साथ में अगले जन्म में भी इस कारण कष्ट भोगना पड़ता है।


* ईश भक्ति में मग्न व्यक्ति को काम वासना के प्रति आकर्षित करना महापाप है। शास्त्रों पर दृष्टिपात करने से ज्ञात होता है स्वर्ग के राजा इन्द्र ने ऋष‌ियों की तपस्या भंग करने के लिए अप्सराओं को भेजा था, उनके इस दुष्कर्म के लिए शाप भी छेलने पड़े थे।


* झटके, सदमे और दहशत से गुजर रहे व्यक्ति के साथ दूरी बनाकर रखें। उन्हें कामवासना की पूर्ति के लिए उतेजित न करें।

 

* जब व्यक्ति नशे में होता है तो अपने होश खो देता है, ऐसी स्थिती में संबंध बनाना अनुचित है।
 

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