हवन से जुड़े इन रहस्यों को नहीं जानते होंगे आप

Tuesday, Dec 10, 2019 - 11:49 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को बहुत महत्व दिया जाता है। किसी भी काम को शुरू करने से पहले भगवान का नाम व ध्यान किया जाता है, ताकि वह काम सफल हो सके। वहीं धार्मिक अनुष्ठानों में हवन भी बहुत लोग करवाते हैं। कहते हैं कि घर में हवन करवाने से भगवान की कृपा के साथ-साथ घर का वातावरण भी शुद्ध हो जाता है। शास्त्रों में हवन के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाने का जिक्र भी किया गया है। 

शास्त्रों में बताया गया है कि हवन के लिए पवित्रता की जरूरत होती है ताकि सेहत के साथ उसकी आध्यात्मिक शुद्धता भी बनी रहे। हवन करने से पूर्व स्वच्छता का ख्याल रखें। हवन के लिए आम की लकड़ी, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पीपल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन की लकड़ी, तिल, जामुन की कोमल पत्ती, अश्वगंधा की जड़, तमाल यानि कपूर, लौंग, चावल, ब्राम्ही, मुलैठी की जड़, बहेड़ा का फल और हर्रे तथा घी, शकर जौ, तिल, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा उपयोगी होता है।

हवन का वैज्ञानिक महत्व 
हवन के लिए गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी कटोरियों या उपले घी में डूबो कर डाले जाते हैं। इससे हर प्रकार के जीवाणुओं का नाश होता है, अत: घर की शुद्धि तथा सेहत के लिए प्रत्येक घर में हवन करना चाहिए। हवन के साथ कोई मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ध्वनि तरंगित होती है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, अत: कोई भी मंत्र सुविधानुसार बोला जा सकता है। हवन में अधिकतर आम की लकड़ियों का ही प्रयोग किया जाता है और जब आम की लकड़ियों को जलाया जाता है तो उनमें से एक लाभकारी गैस उत्पन्न होती है जिससे वातावरण में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणु समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है। 

एक अन्य रिसर्च के मुताबिक यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाए और हवन के धुएं का शरीर से सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे जानलेवा रोग फैलाने वाले जीवाणु खत्म हो जाते है और शरीर शुद्ध हो जाता है।

Lata

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