सावन में की जाने वाली "सुंदर पूजा" के बारे में नहीं जानते होंगे आप !

Monday, Jul 29, 2019 - 09:50 AM (IST)

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सावन के पवित्र माह में शिव की आराधना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। पूरे श्रावण माह में व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। यह महीना पाप मिटाने वाला और मनोकामना की पूर्ति करने वाला माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में निराहारी या फलाहारी रहने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति पूरे माह व्रत नहीं कर सकता तो केवल सावन के हर सोमवार के दिन व्रत आदि कर ले तो भी इंसान को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति व्रत भी नहीं कर पाता तो वह हर सोमवार के दिन शिवलिंग की खास तरह की पूजा कर ले तो उसके सारे पाप धूल जाते हैं। कहा जाता है कि सावन मास में खास विधि से की गई शिवजी की सबसे सुंदर पूजा से शिवजी बिना मांगे ही अपने भक्त को सब कुछ दे देते हैं और यह पूजा कभी खाली नहीं जाती है।

ब्रह्मा के मानस पुत्र सनत कुमार को भगवान शंकर ने स्वयं अपने श्रीमुख से सावन मास की महिमा के बारे में बताते हुए कहते है कि मेरे तीन नेत्रों में सूर्य दाहिने, चन्द्रमा वाम नेत्र तथा अग्नि मध्य नेत्र है। चंद्रमा की राशि कर्क और सूर्य की सिंह है, जब सूर्य कर्क से सिंह राशि तक की यात्रा करते हैं, तो ये दोनों संक्रांतियां सावन मास में ही आती है, इसलिए सावन मास मुझे सबसे अधिक प्रिय है। पौराणिक कथाओं में कैलाशपति भगवान शंकर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ट दिन महाशिवरात्री, एवं सावन का महीना ही बताया गया है। वैसे तो प्रत्येक सोमवार शिवजी को प्रिय है, लेकिन सावन का महिना अत्यंत प्रिय है।

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सुंदर पूजा 
जो भी पूरे सावन मास में सावन सोमवार का उपवास रखकर शिवजी की इस सुंदर पूजा करता है, वह शिव कृपा का विशेष अधिकारी बन जाता है। सावन मास में रुद्राभिषेक, शिव रक्षा कवच का पाठ, शिवजी के विशेष मंत्रों का जाप एवं नित्य बिल्वपत्र व शमी पत्र से पूजा करना ही शिव की सबसे सुंदर पूजा कहलाता है। सभी देवों में महादेव भगवान भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं, सावन मास में शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने मात्र से तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी होने लगती है।

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ऐसा भी माना जाता है कि सावन में शिव पूजा का फल, सावन मास के सभी सोमवार का व्रत, प्रदोष व्रत तथा शिवरात्री का उपवास जो भी मनुष्य करता है, उसकी कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती और बिना मांगे ही शिव जी पूरी कर देते हैं। सावन मास में की गई शिव पूजा, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शनों के बराबर ही उसका फल मिलता है। 


 

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