Sawan Special Mehndi: सावन में महिलाएं लगाएं मेहंदी, मिलेगा भगवान शिव जैसा प्रेम करने वाला साथी
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 01:00 AM (IST)

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Sawan Special Mehndi: सावन में मेहंदी लगाने की परंपरा बहुत पुरानी और गहरे सांस्कृतिक व आध्यात्मिक महत्व वाली है। यह केवल सौंदर्य का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसमें कई धार्मिक, आयुर्वेदिक और भावनात्मक कारण भी शामिल होते हैं।
सावन में मेहंदी लगाने के पीछे के प्रमुख कारण:
शुभता और सौभाग्य का प्रतीक: मेहंदी को शगुन और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। सावन में देवी पार्वती की पूजा की जाती है, और मेहंदी लगाना सुहाग, प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए मेहंदी लगाती हैं।
पार्वती जी से जुड़ी मान्यता: माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए सावन में कठोर तप किया था। मान्यता है कि उन्होंने स्वयं भी मेहंदी लगाई थी। इसलिए, महिलाएं सावन में पार्वती जी का आशीर्वाद पाने के लिए मेहंदी लगाती हैं।
थकान और गर्मी से राहत (आयुर्वेदिक कारण): मेहंदी में ठंडक देने वाले गुण होते हैं। सावन भले ही वर्षा ऋतु है, लेकिन उसमें उमस और मौसम का बदलाव शरीर को थका सकता है। हाथ-पैरों में मेहंदी लगाने से शरीर को शीतलता मिलती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है।
सजना-संवरना और मनोविज्ञान: मेहंदी लगाना स्त्रियों के लिए एक सजने-संवरने की रस्म है, जिससे वे भीतर से प्रसन्न और ऊर्जा से भरी हुई महसूस करती हैं। यह आत्म-प्रेम और स्त्री सौंदर्य का उत्सव है।
सामूहिक उत्सव और सामाजिक एकता: सावन में महिलाएं एक साथ बैठकर मेहंदी लगाती हैं, गाती हैं, झूले झूलती हैं ये सब मिलकर सामूहिक उल्लास और एकता का वातावरण बनाते हैं।
कुंवारी कन्याओं के लिए भी मेहंदी शुभ मानी जाती है। सावन में वे भी शिव-पार्वती से अच्छे जीवनसाथी की कामना के साथ मेहंदी लगाती हैं। यह उनकी स्त्री ऊर्जा और परंपरा से जुड़ाव का प्रतीक होता है। सावन में मेहंदी लगाना केवल श्रृंगार का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह: देवी शक्ति से जुड़ने का माध्यम, सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक, तन-मन को शीतलता देने वाला उपाय और स्त्री सामूहिकता का उत्सव है।