Sawan Somwar 2025: सावन सोमवार पर करें ये पवित्र पाठ, महादेव जीवन से समस्त दुःखों को करेंगे समाप्त

punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 06:40 AM (IST)

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Sawan Somwar 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से सावन के सोमवार को व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं, शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और विशेष मंत्रों एवं पाठों का पाठ करते हैं। माना जाता है कि यदि सावन सोमवार के दिन श्रद्धा से शाम की पूजा में विशेष पाठ किया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होकर सारे दुख, कष्ट और बाधाएं दूर कर देते हैं। मान्यता है कि इस मास में देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए घोर तप किया था। इसलिए विशेष रूप से अविवाहित कन्याएं सावन सोमवार का व्रत करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त हो। विवाहित महिलाएं भी इस दिन पति की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए शिवजी की आराधना करती हैं। पुरुष भक्त भी इस दिन व्रत रखकर शिव पूजा कर अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति की कामना करते हैं इसलिए शाम को पूजा के समय विशेष पाठ करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं और जीवन की परेशानियां धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं।

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शिव षडाक्षर स्तोत्रम्
ॐकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिनः ।

कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥१॥

नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणाः ।
नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नमः ॥२॥

महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम् ।
महापापहरं देवं मकाराय नमो नमः ॥३॥

शिवं शांतं जगन्नाथं लोकानुग्रहकारकम् ।
शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नमः ॥४॥

वाहनं वृषभो यस्य वासुकिः कंठभूषणम् ।
वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नमः ॥५॥

यत्र यत्र स्थितो देवः सर्वव्यापी महेश्वरः ।
यो गुरुः सर्वदेवानां यकाराय नमो नमः ॥६॥

षडक्षरमिदं स्तोत्रं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥७॥

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पाठ करने के लाभ 

 मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति
धार्मिक पाठ करने से मन स्थिर होता है। जैसे-जैसे हम मंत्र या स्तोत्र का उच्चारण करते हैं, वैसे-वैसे मन की चंचलता कम होती है। नियमित पाठ से चिंता, भय, डिप्रेशन, और मानसिक अशांति में कमी आती है। विशेषकर ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप मानसिक संतुलन को सशक्त बनाता है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश
पवित्र मंत्रों की ध्वनि हमारे चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाती है। यह हमारे घर, कार्यस्थल और मन के वातावरण को पवित्र बनाता है। शिव मंत्र, विशेष रूप से, कालसर्प दोष, पितृ दोष और बुरी नजर से बचाव करता है।

आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
पाठ करने से आत्मबल मजबूत होता है। नियमित रूप से किसी भी देवी-देवता का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास, साहस और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। यह हमें जीवन की कठिन परिस्थितियों में स्थिर और मजबूत बनाए रखता है।
 

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Content Editor

Prachi Sharma

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