Sawan Somvar 2020: ऐसे कर सकते हैं भोलेनाथ को प्रसन्न, यहां जानें खास पूजन विधि

Monday, Jul 13, 2020 - 12:46 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज साल 2020 श्रावण मास का दूसरा सोमवार है। यूं तो पूरा सावन का पूरा महीना बहुत खास माना जाता है। परंतु विशेष रूप से इसके सोमवार को भगवान शिव की पूजा का अधिक महत्व है। कहा जाता है साल के इस पावन व शुभ महीने में भगवान शिव के कंधों पर संपूर्ण सृष्टि का भार होता है। वो स्वयं धरती पर आकर अपने भक्तों के कष्ट-क्लेश दूर करते हैंं। तो ऐसे में हर किसी की ये कामना होती है कि भोलेनाथ उसके भी सभी विघ्न दूर करें। धार्मिक एवं ज्योतिष शास्त्र में इसके लिए कुछ खास उपाय बताए गएं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति श्रद्धा विश्वास से करता है तो उसकी मनोकामनाएं तो पूर्ण होती ही हैं, साथ ही साथ देवों के देव महादेव की खास कृपा भी प्राप्त होती है। तो चलिए जानते है आज के दिन आपके द्वारा किए कौन से काम आपको शिव जी का खास आशीर्वाद का दिलवा सकते हैं। 

सबसे पहले जानें सावन के सोमवार किस पूजन विधि से करें भोलेनाथ की पूजा-
शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान भोलेनाथ सबसे भोले देव हैं, इसलिए इन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्यादा मेहनत तो नहीं करनी होगी। परंतु इस बात का ध्यान रखना अति  आवश्यक होता है इनकी पूजन विधि बिल्कुल सही हो, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिल पाता। 

बता दें इनकी पूजा बहुत ही आसान होती है। सावन सोमवार के दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर, स्नान आदि के बाद इनके पूजन में प्रयोग होने वाली सामग्री को एकत्रित करना चाहिए। संभव हो तो घर के पास के शिव मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं, वरना घर के पूजा स्थल में भी पूजा कर सकते हैं। शिव जी के मंत्रों का जप करते हुए सारी पूजन सामग्री भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करनी चाहिए। ध्यान रहें शिवलिंग काजलाभिषेक करते मंत्रों का लगातार जाप करना अति आवश्यक होता है। 

रुद्राभिषेक का महत्व-
शास्त्रों के अनुसार भगवान रूद्र का अभिषेक करने से समस्त देवों के अभिषेक करने का फल प्राप्त होता है। किंवदंतियां प्रचलित हैं कि रुद्राभिषेक में सृष्टि की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने की शक्ति है। अतः श्रावण मास में व श्रावण सोमवार को अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग पदार्थों से अभिषेक करना चाहिए ताकि प्राणी इच्छित फल प्राप्त कर सकता है। 

बता दें दूध से पुत्र प्राप्ति, गन्ने के रस से यश उत्तम पति/पत्नी की प्राप्ति, शहद से कर्ज मुक्ति, कुश एवं जल से रोग मुक्ति, पंचामृत से अष्टलक्ष्मी तथा तीर्थों के जल से मोक्ष की प्राप्ति होती है।


शिव मंत्र
ॐ नमः शिवाय॥
नम: शिवाय॥
ॐ ह्रीं ह्रौं नम: शिवाय॥
ॐ पार्वतीपतये नम:॥
ॐ पशुपतये नम:॥
ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥

 

महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनानत् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

Jyoti

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