Sawan: 6 जुलाई से शुरू हो रहा है शिव भक्तों का प्रिय माह, शुरू कर दें भोलेनाथ के स्वागत की तैयारियां

Wednesday, Jun 17, 2020 - 11:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म के अनुसार सालके 12 माह का अपना अलग महत्व है। ये सारे महीने किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माने जाते हैं। इनमें से एक है सावन का माह। जिस दौरान भगवान शिव की पूजा का विधान है। बता दें इस साल सावन का महीना 06 जुलाई से शुरू होने वाला है। यूं तो इस माह की रौनक लगभग देश के हर कोने में दिखाई देती मगर इस बार कोरोना के चलते मुमकिन है कि मंदिरों आदि में भोलेनाथ के भक्तों की लंबी कतारें देखने को न मिलें। माना जा रहा है उज्जैन में महाकाल मंदिर में कोरोना संक्रमण के कारण इस बार सावन के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या में भारीसंख्या में कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि  सावन पर यहां श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिल सकती है। जिसके तहत मंदिर को सैनिटाइज़ करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी।

ज्योतिषियों के अनुसार 6 जुलाई को सावन की शुरुआत सोमवार को होने के बाद दूसरा सोमवार 13, तीसरा 20, चौथा 27 व पांचवां सोमवार सावन के समापन के दिन 03 अगस्त को पड़ेगा। सावन के समापन के दिन ही यानि पूर्णिमा के साथ-साथ रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि श्रावण मास के प्रारंभ में सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है। 

अगर सरकार की मानें तो इस समय देश की जो स्थिति बनी हुई है उस दौरान कोरोना संक्रमण से खुद की रक्षा करना सबका कर्तव्य है। जिस कारण मंदिरों आदि में जाना अभी खतरे से खाली नहीं माना जा रहा। क्योंकि भीड़ जमा होने पर कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैल सकता है। मगर अपने ईष्ट की आराधना छोड़नी पड़े, ये भी किसी को गवारा नहीं होगा। तो ऐसे में व्यक्ति क्या किया जाए, ये बात हर श्रद्धालु को अंदर ही अंदर खा रही है।तो आपको बता दें कि आपको इसके लिए परेशाान होने की आवश्यकता नहीं है। केवल मंदिरों में नहीं आप अपने घरों में बैठे भी सावन के माह में अपने भोलेनाथ को खुश कर सकते हैं। अब सवाल ये है कैसे? 

तो आइए आपको इस प्रश्न का जवाब भी दे देते हैं कि किस विधि से घर बैठे ही आप महादेव की कृपा के हकदार बन सकते हैं। 
व्रत और पूजा विधि : 
प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर निवृत्त हो जाएं और घर में पूजा स्थल को स्वच्छ कर वेदी स्थापित करें। 
संभव हो तो शिव मंदिर में जाकर भगवान शिवलिंग को दूध चढ़ाएं। वरना घर पर पारद शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं। 
पूजा से पहले पूरी श्रद्धा के साथ महादेव के समक्ष व्रत का संकल्प लें। 
सुबह-शाम भगवान शिव की प्रार्थना करें। 
पूजा के लिए तिल के तैल का दीया जलाएं तथा भगवान शिव को सुगंधित पुष्प अर्पित करें। 
इसके बाद मंत्रोच्चार सहित शिव जी को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां भी चढ़ाएं। 
व्रत के दौरान सावन व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
पूजा समाप्त करने के बाद सब में प्रसाद का वितरित करें। 
संध्याकाल में पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलकर सामान्य भोजन करें। 
जितना हो सके इस दौरान 'नमः शिवाय या ॐ नमः शिवाय' का जाप करें।

 

Jyoti

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