Sawan Maas Shivratri: आज घर पर इस तरह करें शिवलिंग का अभिषेक, गिरिजापति करेंगे हर अभिलाषा पूरी

Saturday, Jul 15, 2023 - 07:36 AM (IST)

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Sawan Maas Shivratri: सावन का महीना महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। 15 जुलाई 2023 यानी आज के दिन सावन की महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। सावन महीने में आने वाली शिवरात्रि माता पार्वती और शिव जी को बहुत ही प्रिय है क्योंकि इस शिवरात्रि पर दोनों का विवाह हुआ था। सावन के महीने में शिव जी के बहुत सारे भक्त कावड़ यात्रा पर भी जाते हैं। सावन महीने की शिवरात्रि पर बहुत सारे लोग अपनी मन की इच्छा पूरी करने के लिए इस दिन व्रत करते हैं। आइए जानते हैं, सावन मास की शिवरात्रि के बारे में-



Auspicious time शुभ मुहूर्त
सावन मास की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 24 मिनट से सुबह 9 बजकर 03 मिनट तक। दोपहर का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 02 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। पूजा करने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए शाम का मुहूर्त 9 बजकर 03 मिनट से रात को 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।  

Do abhishek of Shivling at home today in this way आज घर पर ही शिवलिंग का करें इस तरह अभिषेक: घर में अगर शिवलिंग रखते हैं तो शिवपुराण में वर्णित इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि शिवलिंग अंगूठे के ऊपर वाले पोर से बड़ा न हो। घर में पारद शिवलिंग रखना शुभ होता है, जो चांदी और पारे से मिलकर बना हो। इसके अतिरिक्त स्फटिक शिवलिंग रखना सबसे उत्तम माना गया है। अगर शिवलिंग नहीं रखना चाहते हैं तो पार्थिव शिवलिंग का भी निर्माण कर सकते हैं।

सुबह स्नान-ध्यान से फ्री होकर व्रत करने का संकल्प लें और उसके बाद ज्यादा से ज्यादा ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।



फिर शाम को जिस जगह पूजा करनी है, उस स्थान को गंगाजल के साथ साफ करें। पूजा से पहले हाथ में एक रुद्राक्ष और बेलपत्र लेकर इस मंत्र का जाप करते हुए पूजन विधि की शुरुआत करें-

Mantra मंत्र: ममाखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये

दूध, दही, शक्कर, शहद, घी, गंगाजल और गन्ने के रस से घर में मौजूदा शिवलिंग का अभिषेक करें।

अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ये मंत्र इतना प्रभावशाली है कि इसका जाप करने से व्यक्ति के ऊपर से अकाल मृत्यु का संकट भी टल जाता है। शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में अकाल मृत्यु के योग होते हैं, उन्हें भी इस मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है।



महामृत्युंजय मंत्र को मृत संजीवनी मंत्र भी कहा जाता है- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

अभिषेक के बाद भस्म या पीले चन्दन के साथ महादेव को त्रिपुंड लगाएं और 11 बेलपत्र पर ॐ लिखकर भोलेनाथ को समर्पित करें और साथ इस मंत्र का उच्चारण करें।

Mantra मंत्र: त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥

अंत में आरती के साथ पूजा का समापन कर भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करें।

Niyati Bhandari

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