Sawan: कुंडली में है कालसर्प दोष, सावन माह लेकर आया है राहत का पैगाम

Tuesday, Jul 07, 2020 - 07:05 AM (IST)

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Sawan Kaal Sarp Dosh: सावन के महीने में शिवालय में स्थापित प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग या धातु से निर्मित लिंग का गंगाजल व दूध से रुद्राभिषेक करने पर कुंडली में कई बुरे ग्रहों का प्रभाव दूर हो जाता है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उनके लिए तो सावन का महीना राहत का पैगाम लेकर आता है। आमतौर पर 12 कालसर्प योग होते हैं और सावन की मासिक शिवरात्रि के दिन विशेष उपाय करके कालसर्प योग से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। सर्पों को भगवान शिव का अति प्रिय माना गया है। शिव को सर्प और श्रावण मास अति प्रिय हैं। सावन मास में नाग पंचमी भी कालसर्प योग के निवारण के लिए विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

 



सावन ऐसा महीना है जिसमें गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षर मंत्र आदि शिव मंत्रों का जाप करके हम अपने जीवन में पुण्य अर्जित कर सकते हैं और आंतरिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। अपने जीवन में किसी भी आशा की पूर्ति के लिए भगवान शिव का प्रिय महीना सबसे उत्तम है। इसी सावन महीने में स्त्रियां खासकर कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए भगवान शिव के निमित्त व्रत रखती हैं। इसी महीने सावन के झूले झूले जाते हैं। सावन के इसी महीने में रक्षाबंधन, नाग पंचमी और हरियाली तीज जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं।


सावन महीने में खास मंत्रों से शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। इस महीने शिवलिंग पर जल चढ़ाने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। जो व्यक्ति नियमित रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाता है, उसकी कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव दूर होता है। मिट्टी से बने हुए पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक करने से ग्रह गोचर अनुकूल होने लगते हैं और घर-परिवार से नकारात्मक ऊर्जा दूर चली जाती है। वैसे भी पार्थिव शिवलिंग को सभी सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक माना गया है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

Niyati Bhandari

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