Sawan ka upay: सावन में शिव मंदिर जाकर करें यह उपाय, पूरी होगी हर इच्छा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 01:00 AM (IST)

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Sawan Rudrabhishek 2025: सावन के महीने में भगवान शिव का जन एवं अभिषेक करना सभी के लिए सर्वश्रेष्ठ है। भोले बाबा इतने अधिक कृपालु हैं कि वह अपने भक्त द्वारा भोले भाव से चढ़ाए गए केवल जल मात्र से भी प्रसन्न होकर कृपा कर देते हैं परंतु जो भक्त रुद्राभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं, वह विशेष कृपा के पात्र बनते हैं इसलिए उक्त मंत्र के उच्चारण के साथ ही रुद्राभिषेक करना चाहिए।
Mahamrityunjaya mantra महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
Shiv Rudrabhishek Puja vidhi कैसे करें रुद्राभिषेक
वैसे तो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अक्सर लोग जल में दूध मिलाकर कच्ची लस्सी और गंगाजल से रुद्राभिषेक करते हैं परंतु घी, तेल, सरसों का तेल, गन्ने के रस और शहद से विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अभिषेक किया जाता है। जबकि दहीं से शिव जी का पूजन किया जाता है।
शिव पुराण की रुद्र संहिता के अनुसार जो व्यक्ति तुलसी दल और कमल के सफेद फूलों से भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें भोग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। रुद्राभिषेक भी निश्चित अवधि में तथा सम्बंधित मंत्रोच्चारण के साथ किया जाता है।
Sawan ka achuk upay क्या है विभिन्न वस्तुओं से रुद्राभिषेक करने का पुण्य फल
पंचामृत- पंचामृत से शिव लिंग का अभिषेक करने पर हर प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
दूध- गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने से मनुष्य को यश और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है तथा घर में खुशहाली आती है। घर से हर प्रकार के कलह एवं कलेश दूर होते हैं।
गंगाजल- भगवान शंकर को गंगा जल परम प्रिय है, इसी कारण गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण कर रखा है ।
देसी घी- गाय के शुद्ध देसी घी से अभिषेक करने पर वंश की वृद्धि होती है।
गन्ने का रस- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर घर में लक्ष्मी का सदा वास रहता है तथा किसी वस्तु की कभी कोई कमी नहीं रहती।
सरसों का तेल- सरसों के तेल के साथ रुद्राभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है तथा हर क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है।
सुगंधित तेल- यह चढ़ाने से भोगों की प्राप्ति होती है।
शहद- शहद से अभिषेक करने पर हर प्रकार के रोगों का निवारण होता है तथा यदि पहले ही कोई रोग लगा हो तो उससे छुटकारा भी मिलता है।
मक्खन- मक्खन से अभिषेक करने पर अति उत्तम संतान सुख की प्राप्ति होती है।
धतूरा- धतूरे के एक लाख फूलों से निरंतर अभिषेक करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है परंतु लाल डंठल वाले धतूरे से पूजन करना अति उत्तम माना गया है तथा उसे संतान सुख मिलता है।
बेल पत्र- घर में सुख-समृद्धि के लिए सावन के महीने में बेल पत्र से पूजन करना चाहिए तथा जिन्हें पत्नी सुख की प्राप्ति में बाधाएं आती हो, उन्हें 40 दिन तक निरंतर भक्ति भाव से बेल पत्र से भगवान का अभिषेक करना चाहिए अथवा एक दिन 108 बेल पत्र ऊं नम: शिवाय मंत्र के उच्चारण के साथ चढ़ाए जाने चाहिए।
चमेली- चमेली के फूलों से पूजन करने पर वाहन सुख की प्राप्ति होती है।
कमल पुष्प और शंखपुष्प- इन फूलों से भगवान का पूजन करने वालों को लक्ष्मी यानि धन-दौलत की प्राप्ति होती है। भगवान को नीलकमल और लाल कमल अति प्रिय हैं। इसके अतिरिक्त जल एवं स्थल पर उत्पन्न होने वाले सभी सुगंधित फूलों से भगवान शिव का पूजन किया जा सकता है।
करवीर और दुहरियां पुष्प- करवीर के फूलों से पूजन करने पर रोग मिट जाते हैं तथा दुहरिया यानि बन्धूक के पुष्प से प्रभु का पूजन करने से आभूषणों की प्राप्ति होती है।
हरसिंगार के फूल- भगवान शिव का पूजन करने पर घर में सुख-संपति की प्राप्ति होती है।
गेंहू के कवान- गेहूं के कवानों से भगवान का पूजन करने पर उत्तम फलों की प्राप्ति होती है तथा वंश की वृद्धि होती है।