श्रावण मास में न करें ये गलतियां वरना हो जाएगा अनर्थ

Wednesday, Jul 20, 2022 - 05:27 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
14 जुलाई से भगवान शिव का पवित्र माह सावन शुरू हो चुका है जो कि 12 अगस्त तक चलेगा। श्रावण माह में भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व होता है। बता दें कि इस साल सावन माह पूजा और व्रत के लिए बेहद ही खास होगा।  क्योंकि इस साल सावन माह की शुरुआत दो शुभ योग के महासंयोग से हो रही है। इस दिन विष्कुभं और प्रीति योग बन रहे हैं। मान्यता है कि ये दो योग शिव जी की भक्ति के लिए बहुत फलदायी होते हैं। मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव को जल अर्पित करने मात्र से ही उनकी असीम कृपा बरसती है। तो वही बता दें सावन माह के दौरान कुछ कार्यों का करना वर्जित माना गया है। तो ऐसे में अगर आप इस माह वो सभी कार्य करते हैं तो आपका जीवन अनर्थ हो जाएगा। तो आइए जानते हैं ऐसे कौन से वो काम जो सावन माह के दौरान भूलकर भी नहीं करने चाहिए।   

सबसे पहले आपको बता दें कि हिंदू मान्यता के अनुसार दूध भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस कारण सावन के महीने में भगवान शिव का दूध से जलाभिषेक किया जाता है। इसी वजह से इस महीने में दूध का सेवन करना शास्त्रों में मना किया गया है। तो ऐसे में सावन महीने में दूध पीने से परहेज करना चाहिए। साथ ही दूध से बनी चीजों से भी दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही दही का भी प्रयोग सावन महीने में नहीं करना चाहिए।

तो वहीं सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्तों को शरीर पर तेल लगाने से बचना चाहिए। इस महीने में शरीर पर तेल लगाना अशुभ माना जाता है। 

इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि सावन मास में व्यक्ति को दिन में यानि कि दोपहर के समय सोना नहीं चाहिए। दिन में सोने से भगवान भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं। इसलिए भक्ति को इस महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना करें। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें लेकिन दिन के समय सोए नहीं।

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महादेव के प्रिय माह यानि कि सावन में किसी से बुरा व्यवहार न करें और न ही किसी का अपमान करें। इन दिनों किसी से भी वाद-विवाद से बचना चाहिए। अपनी वाणी पर संयम बरतना चाहिए। सावन महीने में बुरे कर्मों और यहां तक कि बुरे विचारों से भी बचना चाहिए। बल्कि हर किसी का सम्मान करना चाहिए।

बताते चलें कि सावन माह में भूलकर भी शराब, मांस, मछली व तामसिक भोजन का सेवन न करें।

शास्त्रों के अनुसार सावन के पवित्र महीने में खाने-पीने की चीजों को लेकर बेहद ही सावधानी बरती जाती है। सावन मास में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। बैंगन को अशुद्ध सब्जी माना जाता है. यही वजह है कि लोग द्वादशी और चतुर्दशी के दिन बैंगन से परहेज करते हैं।  इसके साथ ही अदरक, मूली, लहसून, प्याज, कढ़ी, काली मिर्च व गन्ने का रस का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। 

अगर घर के द्वार पर कोई गाय या बैल आए तो उसे भगाने की बजाए कुछ खाने के लिए जरूर दें। बैल को मारना भगवान शिव की सवारी नंदी का अपमान करने के समान है।

आपको बता दें कि व्रत या उपवास करने वाले लोगों को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार काले कपड़े पहनने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।

तो वहीं सावन माह में व्रत का पालन करने वालों को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।
 


 

Jyoti

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