Sawan 2020: आप में हैं इनमें से 1 भी गुण तो आप हैं सच्चे शिव भक्त!

Monday, Jul 13, 2020 - 01:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भगवान शंकर का सबसे प्रिय माह, श्रावण 06 जुलाई आरंभ हो चुका है जिसकी शुरुआत से ही हर कोई इनकी भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है। चूंकि इस दौरान भगवान शंकर हर मनोकामना पूर्ति करते हैं, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति करुणा मई भोलेनाथ से अपने पापों को क्षमा करने का याचना करता है। शिव पुराण में इनके पूजा महत्व से लेकर और कई बातें उल्लेखित हैं। तो चलिए श्रावण माह के इस खास अवसर पर जानते हैं भगवान शंकर द्वारा बताई गई उन बातों के बारे में जिन्हें हर शिव भक्त को अपनाना चाहिए। शास्त्र कहते हैं जो व्यक्ति इन बातों पर ध्यान नहीं देते और इन्हें नज़रअंदाज़ करते हैं उन पर शिव कम ही प्रसन्न होते हैं। तो अगर आप चाहते हैं कि आप पर भगवान शंकर की भरपूर कृपा बरसे तो आगे बताई गई बातों को अपने दिमाग में हमेशा हमेशा बंद कर लीजिए। 

क्या है शिव की रात यानि शिवरात्रि का महत्व- 
प्रत्येक शिव भक्त यानि जो अपने आप को शिव जी का अनुयायी माना हो और उनमें असीम आस्था रखता हो उसे बाखूबी शिवरात्रि का महत्व पता होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि अगर इस दिन व्रत रखते हैं या व्रत नहीं रखते पंरतु शिव जी प्रति पूरी आस्था रखते हैं उन्हें इस दिन भोजन नहीं करना चाहिए। मान्यता है इस दिन जो शिव भक्त व्रत रखते हैं, उस को पुण्य लाभ प्राप्त होता है। 

इस समय कभी न करें ये काम-
रोज़ दिन चढ़ता है जिसे हम सुबह के नाम से जानते हैं, तो वहीं दिन ढलने को हम रातक कहते हैं। मगर इसके अलावा पूरे दिन का ऐसा समय भी होता है जिस दौरान सुबह और रात मिल जाते हैं, इसे संध्याकाल व प्रदोष काल के नाम से जाना जाता है। शिव पुराण की मानें तो इस समय के बारे में वर्णन मिलता है कि इस काल में देवों के देवों महादेव तीनों लोकों पर अपनी सृष्टि डालते हैं। इसलिए इस समय में किसी भी व्यक्ति को कभी किसी के प्रति कटु शब्द नहीं कहने चाहिए, न ही इस समय सहवास करना चाहिए। 

शिव भक्त के लिए इनका त्याग अति आवश्यक- 
अपने आप को शिव जी के प्रत्येक अनुयायी के लिए आवश्यक है कि वो अपनी बढ़ती इच्छाओं पर रोक लगाए। शिव पुराण में कहा गया है कि व्यक्ति के पतनव का सबसे बड़ा कारण उसकी इच्छाएं ही होती हैं। इन इच्छाओं की वजह से एक दिन अपनी सभी खुशियां नष्ट कर लेता है।

विचारों में होनी चाहिए स्वच्छता
शिव पुराण में कहा गया है जिस व्यक्ति केे विचारों में स्वच्छता होती है उस पर भोलेनाथ प्रसन्न तो होते ही हैं, साथ हि वो अपने जीवन में हमेशा आगे की ओर अगसर होता है।  इसलिए हर किसी को चाहिए कि अपने मन में विचारों की स्वच्छता बना कर ही प्रत्येक कार्य करें। 


 

Jyoti

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