Sawan 2019: निराहार उपवास नहीं कर सकते तो करें नक्तकाल व्रत

Monday, Jul 22, 2019 - 08:37 AM (IST)

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श्रावण मास भगवान शिव का मास है। वैसे तो सम्पूर्ण वर्ष में भगवान शिव का पूजन किया जा सकता है परंतु ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास में भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसलिए इस मास में मनोनुकूल जीवनसाथी की कामना से विवाह योग्य लड़के और लड़कियां भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु सोमवार व्रत का पालन करते हैं। इन दिनों भगवान शिव के भक्त शिव की पिंडी को 108 बेल पत्र अर्पित करते हैं। इसके अतिरिक्त श्रावण सोमवार के दिनों में भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग की धार्मिक यात्राएं की जाती हैं जिसमें केदारनाथ, काशीधाम, त्र्यंबकेश्वर, गोकर्ण आदि प्रमुख हैं। इन धर्म स्थलों पर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा पाठ भी किए जाते हैं। श्रावण सोमवार के दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप भी अतिशुभ माना गया है।

श्रावण मास भगवान शिव और सूर्य को अति प्रिय माना गया है। इस मास में भगवान शिव समस्त जीवों पर अपनी कृपा दृष्टि की वर्षा करते हैं जिसके फलस्वरूप सम्पूर्ण भूमंडल पर जलवर्षा होती है। इस शुभ मास में शिव आराधना और व्रत करने से भक्तों का जीवन धन्य होता है।

श्रावण सोमवार व्रत विधि 
यदि संभव हो तो इस दिन निराहार उपवास का पालन करना चाहिए। निराहार उपवास का अर्थ है दिन के समय आवश्यक होने पर केवल पानी पीकर किया गया उपवास। कुछ लोग नक्तकाल व्रत का पालन करते हैं। सूर्यास्त के 72 मिनट बाद या किसी क्षुद्रग्रह की दृष्टि तक का समय नक्तकाल कहा जाता है। जो व्यक्ति इस व्रत का पालन करते हैं, वे दिन में कुछ भी नहीं खाते हैं और इस नक्तकाल में ही भोजन ग्रहण करते हैं।


 
 

Niyati Bhandari

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