Sawan 2022: दांपत्य जीवन में चल रही है परेशानियां तो करें ये काम

Thursday, Jul 14, 2022 - 12:43 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कहते हैं शिव भक्तों को श्रावण मास का बेस्रबी से इंतजार होता है, क्योंकि कहा जाता है भोलेनाथ श्रावण मास अधिक प्रिय होता है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस मास में शिव जी को प्रसन्न करके उनकी कृपा पाई जा सकती है। बता दें इस बार का श्रावण मास आरंभ हो चुका है। जिसके साथ ही भोलेनाथ की विशेष आराधना शुरू हो जाती है। बात करें इस वर्ष के सावन मास की तो हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से इस बार में जानकारी दे चुके हैं कि ये इस श्रावण पर कई खास योग बनने के कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ चुका है। ऐसे में शिव शंभू की आराधना करने से इस बार जातक को कई तरह के लाभ प्राप्त हो सकते है। तो आइए जानते हैं श्रावण मास में जुड़े कुछ ऐसे उपाय जिन्हें वास्तु शास्त्र के लिहाज़ से भी उपयोगी माना जाता है।

बता दें कि शिव पुराण के अनुसार जो भी इस माह में सोमवार का व्रत करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की कृपा से विवाह सम्बंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाना अधिक फलदायी होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद लेकर आता है। माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण मास में कठोर-तप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था।

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हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं।

दांपत्य जीवन की खटास दूर करने के लिए पति-पत्नी को मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर यानि पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। या फिर घर पर ही ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें और भगवान शिव सम्मुख शाम के समय गाय के घी का दीपक पति-पत्नी मिलकर जलाएं।

श्रावण मास में सुबह के समय जल्दी उठें। इसके बाद नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा की थाली में रोली-मोली, चावल, धूप, दीपक, सफेद चंदन, सफेद जनेऊ, कलावा, पीला फल, सफेद मिष्ठान, गंगा जल और पंचामृत आदि रखें।

अगर संभव हो तो अपने घर से नंगे पैर भगवान शिव के मंदिर के लिए निकलें। मंदिर पहुंचकर विधि विधान से शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें। गाय के घी का दीपक और धूपबत्ती जलाकर वही आसन पर बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिवाष्टक भी पढ़ें। अपने घर वापस आते समय भगवान शिव से प्रार्थना करें और अपने मन की इच्छा कहें।

Jyoti

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