Saturn transit 2022: मीन राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का राशि परिवर्तन !
Saturday, Jan 29, 2022 - 08:19 AM (IST)
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Shani transit 2022: शनिदेव इस साल यानी साल 2022 में दो बार अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव हर अढ़ाई साल के बाद अपनी राशि बदलते हैं और ज्योतिष के राशि चक्र की सभी 12 राशियों के भ्रमण में 30 साल लगाते हैं। एक राशि में अपना सफर पूरा करने के बाद शनि देव को उसी राशि में आने में 30 साल लग जाते हैं।
शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को सुबह 7 बजकर 52 मिनट पर मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि 30 साल बाद अपनी कुम्भ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और उनके कुंभ में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जायेगी। साथ ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
29 अप्रैल 2022 को शनि देव कुंभ राशि में आने के बाद सभी 12 राशियों को प्रभावित करेंगे। इस बार विलक्षण संयोग भी बन रहा है कि 29 अप्रैल को मकर राशि से कुंभ राशि में जाने के अढाई महीने बाद 12 जुलाई 2022 को फिर उल्टी गति चलते हुए यानी वक्री अवस्था में शनिदेव फिर से मकर राशि में आ जाएंगे और 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहने के बाद फिर से कुंभ राशि में जाएंगे। इस तरह वर्ष 2022 में पहले 29 अप्रैल और फिर 12 जुलाई को शनि के दो बार राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस बारे में आपको बताया जाएगा।
हमारे ज्योतिष में और नवग्रहों में शनि देव को एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और जिन पर उनकी क्रूर दृष्टि पड़ती है, उस व्यक्ति की मुसीबतें बढ़ जाती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि हमारे इसी जीवन में शनि हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं।
जन्म कुंडली में शनि की शुभ स्थिति जहां लाभ प्रदान करती है, वहीं अशुभ स्थिति जीवन में दिक्कत, परेशानी और आर्थिक संकटों का कारण भी बनती है। यही कारण है कि शनि देव को हर कोई शांत रखना चाहता है और हर कोई शनि की कृपा पाने को लालायित रहता है।
शनि देव नाराज होने पर धन में कमी लाते हैं, धन हानि कराते हैं। जॉब और बिजनेस में दिक्कतें पैदा करते हैं। यहां तक कि कई बार जॉब से भी व्यक्ति को हाथ धोना पड़ता है। इस दौरान रोग भी घेर लेते हैं, दांपत्य जीवन में भी दिक्कतें आने लगती हैं। व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। कर्ज बढ़ जाता है।
शनिदेव अपनी साढ़ेसाती, ढैया और अपनी महादशा व अंर्तदशा में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाने जाते हैं।
वैदिक ज्योतिष में शनि को सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है और यह एक राशि में अढ़ाई साल तक रहते हैं। यही कारण है कि शनि का प्रभाव व्यक्ति अधिक समय तक रहता है।
29 अप्रैल 2022 को जब शनि देव अपना राशि परिवर्तन करेंगे तो मीन राशि वालों के लिए उनका राशि परिवर्तन कैसा रहेगा। मीन राशि वाले क्या खोएंगे , क्या पाएंगे ..? उनके जीवन में क्या अच्छा रहेगा ? कहां दिक्कत रहेगी ? शनि मीन राशि वालों को कैसे फल प्रदान करेंगे और कहां सचेत रहना होगा।
शनि मीन राशि वालों के लिए 10वें व 11 वें भाव के स्वामी भी हैं यानी लाभ और हानि दोनों का काम करते हैं। 1 जनवरी से 29 अप्रैल 2022 तक शनिदेव का आपके 11वें भाव में गोचर जारी रहेगा और 11वें भाव में बैठकर शनि तीसरे, 5वें और 8वें भाव पर दृष्टि डालेंगे। पहला भाव हमारी पर्सनालिटी का, हमारी मेंटालिटी का भाव है। 5वां विद्या, बुद्धि, संतान और प्रेम का भाव है जबकि 8वां भाव आयु व दुर्घटना का भाव है। 29 अप्रैल तक की अवधि में मीन राशि वालों के मन में थोड़ा अस्थिरता का भाव रहेगा। थोड़ा प्रेम जीवन भी अशांत रह सकता है । पेट में विकार हो सकते हैं लेकिन आर्थिक पक्ष आपका बढ़िया रहेगा । आमदनी का कोई नया स्रोत भी विकसित हो सकता है। समाज में यश और मान भी बढ़ेगा।
29 अप्रैल से 12 जुलाई की अवधि में शनि का गोचर आपके 12वें भाव में होगा और 12वें भाव में गोचर करते हुए शनि आपके दूसरे, 6ठें और 9वें भाव को देखेंगे। आप इस दौरान शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में आएंगे। आपको जोखिम भरे कार्यों से बचना होगा। अभी इन्वेस्टमेंट का विचार भी छोड़ना होगा। आप मानसिक विकारों से परेशान हो सकते हैं। दुर्घटना और चोट का अंदेशा भी रहेगा लेकिन जो विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बेहतरीन नतीजे मिलेंगे।
12 जुलाई से एक बार फिर शनिदेव उल्टी चाल चलते हुए आपके 11वें भाव में गोचर करने लगेंगे। इस दौरान आप साढ़ेसाती के प्रभाव से मुक्त हो जाएंगे। कोई नया व्यवसाय करना चाहते हैं तो मित्रों व रिश्तेदारों से मदद मिलेगी। विदेश जाने के लिए कोई फाइल लगाई है तो सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों के लिए भी समय काफी बेहतर रहेगा। बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने वाले लोगों को खास सफलता मिलेगी। इस अवधि में आपके संबंध अपने बड़े भाई-बहनों से मजबूत हो सकते हैं।
उपाय: किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को शनिवार के दिन सरसों का तेल दान करें। अपनी नाभि पर सरसों का तेल लगाएं और पीपल के पेड़ पर मंगलवार और शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। गरीबों को अनाज, काला कंबल आदि का दान कर सकते हैं। शनिदेव की कृपा हासिल होगी।
गुरमीत बेदी
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