Sathya Saibaba Jayanti 2020: चमत्कार, आध्यात्म और सेवा के पर्याय थे बाबा

Monday, Nov 23, 2020 - 10:40 AM (IST)

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Sathya Saibaba Jayanti 2020: भारत संतों, महात्माओं, पीरों-फकीरों, गुरुओं की भूमि है। यहां सत्य, धर्म, शांति, प्रेम एवं अहिंसा के संदेशवाहक भगवान श्री सत्य साई बाबा का सामाजिक और क्रांति के सूत्रधार बन कर मानवता के कल्याण हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया।

Sathya Saibaba Jayanti 2020 in Puttaparthi
23 नवम्बर, 1926 को आंध्र प्रदेश के जिला अनंतपुर के एक छोटे से गांव पुट्टापर्ती में सत्यनारायण राजू (बाबा के बचपन का नाम) का जन्म हुआ। कहते हैं कि इनके जन्म के समय घर में ऐसी-ऐसी चमत्कारी घटनाएं हुईं जिसे देख लोग आश्चर्यचकित रह गए। 14 वर्ष की अल्पायु में श्री सत्यनारायण राजू ने अपने परिवार, माता-पिता एवं निकट संबंधियों से नाता तोड़ लिया और कहा कि वह शिरडी के साई बाबा हैं और उनकी मृत्यु के आठ वर्ष बाद मैंने सत्यनारायण के रूप में जन्म लिया है तथा अब मैं उनके शेष कार्यों को पूर्ण करूंगा।

What is the main objective of Sathya Sai
इतना कह कर बाबा ने घर त्याग दिया और वह वापस नहीं लौटे। गांव में एक पेड़ के नीचे बैठ कर अपना जीवन व्यतीत करने लगे। सन् 1949 में पुट्टापर्ती गांव से लगभग एक मील दूर बाबा ने एक आश्रम का निर्माण करवाया जिसका डिजाइन बाबा ने स्वयं तैयार किया था।

How many Sathya Sai centers are there
28 नवम्बर, 1950 को बाबा के 24वें जन्म दिवस पर इस आश्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया। यह आश्रम आज प्रशांति निलयम (शांति का घर) के नाम से प्रसिद्ध है। यहां आज देश से नहीं विश्व में फैले बाबा के करोड़ों अनुयायी नतमस्तक हो बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह आश्रम विश्व में विशाल आध्यात्मिक, शैक्षणिक और सेवा का केंद्र बन चुके हैं।

What is the main objective of Sathya Sai
यहां हृदय रोगों से संबंधित आधुनिक सुविधाओं से युक्त एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल है जहां हृदय रोगियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है। प्रशांति निलयम सेवा संगठन ने करोड़ों रुपए की लागत से 700 गांवों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की है। सत्य साई सेवा के नाम से पूर्ण विश्व में श्री सत्य साई बाबा का मानव धर्म फैल चुका है।

What is the significance of Satya Sai Baba
बाबा ने सदैव बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा देने पर बल दिया। वह कहते थे बच्चे हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं नैतिक शिक्षा के ज्ञान से इनका चरित्र निर्माण होगा जो राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने में सहायक होगा। बाबा ने देश में अनेक शिक्षण संस्थाओं की स्थापना करवाई। बाल विकास के नाम से कक्षाएं प्रारंभ कीं जिनमें ज्ञान प्राप्त कर बच्चे अपना व्यक्तित्व निर्माण कर सकें। बाबा कहते थे कि सत्य कभी मर नहीं सकता और असत्य जीवित नहीं रह सकता। शांति अपने भीतर ढूंढो और दूसरों से वही व्यवहार करो जो तुम स्वयं के लिए चाहते हो। इसके लिए विश्व में सत्य, धर्म, शांति, प्रेम व अहिंसा की स्थापना करो।

Lord Sathya Sai
24 अप्रैल, 2011 को सामाजिक शैक्षणिक क्रांति के सूत्रधार, सत्य, धर्म, शांति, प्रेम व अहिंसा के संदेशवाहक भगवान श्री सत्य साई बाबा इस नश्वर संसार को त्याग ब्रह्मलीन हो गए और पीछे छोड़ गए अपने अनमोल प्रवचन जो उनके करोड़ों भक्तों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।

Teachings of Sathya Sai- बाबा कहते थे
शांति की गहराइयों में ही ईश्वर की आवाज सुनी जा सकती है।

दिन का प्रारंभ करो प्रेम से दिन पूर्ण करो प्रेम से दिन को विराम दो प्रेम से।

आप सदैव आभार तो प्रकट नहीं कर सकते मगर नम्रता से बोल तो सकते हैं।

मानवता से भाई-बहन का और परमात्मा से माता-पिता का रिश्ता रखो।

शिक्षा का अनुपम उपहार-चरित्र है।

विज्ञान का अनुपम उपहार- सेवा है।

Watch
W-
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T-Watch your Thought
C-Watch your character
H-Watch your Heart

 

Niyati Bhandari

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