Sathya Sai Baba Birthday 2025: मानवता के दिव्य अवतार सत्य साईं बाबा की अनोखी जीवनगाथा
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 09:37 AM (IST)
Sathya Sai Baba Birthday 2025: सत्य साईं बाबा एक ऐसे आध्यात्मिक व्यक्तित्व हैं, जिनका नाम सुनते ही भक्ति, करुणा, प्रेम और सेवा की भावना स्वतः जागृत हो जाती है। (Sathya Sai Baba Birthday 2025) 23 नवंबर 1926 को आंध्रप्रदेश के पुट्टपर्थी में जन्मे सत्य साईं बाबा को शिरडी साईं बाबा का अवतार माना जाता है। 24 अप्रैल 2011 को देहावसान के बाद भी उनका प्रभाव 168 से अधिक देशों में आज भी उतना ही जीवंत है। उनकी शिक्षाएं, चमत्कार, मानवता की सेवा और दिव्य उपस्थिति ने उन्हें आधुनिक युग के महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में स्थापित किया।

Birth Story of Satya Sai Baba सत्य साईं बाबा का जन्म और प्रारंभिक जीवन
सत्य साईं बाबा के जन्म के साथ ही कई अद्भुत घटनाएं घटीं। उनकी माता ईश्वरम्मा ने सत्य नारायण भगवान का प्रसाद ग्रहण किया और कुछ समय बाद बाबा का जन्म हुआ। जैसे ही वे जन्मे, घर में रखे वाद्य यंत्र अपने-आप बजने लगे, मानो देव लोक स्वयं इस दिव्य बालक के आगमन पर आनंद मना रहा हो।
वे अपने माता-पिता पेदू वेंकप्पाराजू और ईश्वरम्मा की आठवीं संतान थे। जन्म के बाद रहस्यमयी रूप से उनके पास एक बड़ा नाग आकर फन फैलाकर खड़ा हो गया, जिसने मानो ईश्वरीय संरक्षण प्रदान किया।

दिव्य गुणों के धनी, कम उम्र में असाधारण प्रतिभा
बचपन में ही बाबा वाद्ययंत्र बजाने, भजन लिखने और गाने में निपुण हो गए थे। मात्र 8 वर्ष की उम्र में वे सुंदर भजनों की रचना करने लगे। उनका प्रभाव इतना अद्भुत था कि उनकी संगति में जाने मात्र से लोगों का मन शांत हो जाता था।
एक बार उन्हें एक बिच्छू ने काट लिया, जिसके बाद वे कोमा में चले गए। होश में आने के बाद बाबा में चमत्कारिक परिवर्तन दिखाई देने लगा। वे मंत्र जाप, श्लोक, भक्ति व आध्यात्मिक कार्यों में अधिक समय बिताने लगे।
14 वर्ष की उम्र में अवतार की घोषणा
23 मई 1940 को सत्य साईं बाबा ने स्वयं कहा, “मैं शिव-शक्ति स्वरूप, शिरडी साईं बाबा का अवतार हूं।”
उस समय उन्होंने अपनी मुट्ठी से चमेली के फूल हवा में उछाले, जो जमीन पर गिरते ही तेलुगु में “साईं बाबा” लिखा हुआ दिखाई दिया।
उसी दिन से उन्होंने विद्यालय छोड़ दिया और जीवन मानव सेवा तथा आध्यात्मिक जागरण के लिए समर्पित कर दिया।

सत्य साईं बाबा के चमत्कार—आस्था को जीवित रखने वाली दिव्य लीलाएं
उनके जीवनकाल में हजारों लोगों ने अद्भुत चमत्कार देखे। कुछ प्रमुख चमत्कार आज भी चर्चित हैं:
विभूति (भभूत) का प्रकट होना उनके चित्रों से स्वाभाविक रूप से भभूत निकलना आज भी श्रद्धालुओं द्वारा देखा जाता है।
शिवलिंग प्रकट करना
महा-शिवरात्रि पर उन्होंने अपने मुख से स्वर्ण तथा पारद शिवलिंग प्रकट किए।
अंगूठी, सोने की चेन, दिव्य वस्तुएं प्रकट करना
उनकी हथेली पर वस्तुएं दिव्य रूप से प्रकट हो जाती थीं।
चंद्रमा में आकृति दिखाई देना
कई श्रद्धालुओं ने दावा किया कि चंद्रमा पर उनका प्रतिबिंब दिखाई दिया।
अर्धनारीश्वर रूप
उनके चरणों में एक कदम स्त्री के समान और दूसरा पुरुष के समान माना जाता है, जो उनकी अर्धनारीश्वर दिव्यता का प्रमाण है।
इन चमत्कारों को कई लोग वैज्ञानिक दृष्टि से समझने की कोशिश करते हैं, परन्तु भक्तों के लिए यह भगवान की लीलाएं हैं।
सत्य साईं बाबा का विशाल आध्यात्मिक साम्राज्य
विश्वभर में लगभग 178 देशों में सत्य साईं संगठन सक्रिय हैं। उनकी शिक्षाएं, “प्रेम करो, सेवा करो, किसी का बुरा मत करो”
आज भी उनके अनुयायियों के जीवन का आधार हैं।
बाबा का एक मुख्य संदेश था—“सभी धर्म एक हैं, परमात्मा एक है, मार्ग अलग-अलग हैं।”
सेवा कार्य—मानवता के लिए जीने वाला एक संन्यासी
सत्य साईं बाबा ने अपने जीवनकाल में मानव सेवा को सर्वोच्च स्थान दिया। उनके द्वारा स्थापित संस्थाएं आज भी लाखों लोगों का जीवन सुधार रही हैं।
विश्वस्तरीय अस्पताल
प्रशांति निलयम में 200 एकड़ में फैला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सभी इलाज पूरी तरह निःशुल्क। बेंगलुरु के अस्पताल में गरीबों के लिए बेड उपलब्ध।
उच्च शिक्षा संस्थान
सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग, जहां कला, विज्ञान, प्रबंधन, टेक्नोलॉजी, रिसर्च के उच्च स्तर की शिक्षा मुफ्त दी जाती है।
साईं ट्रस्ट एवं संगठन
साईं यूथ इंडिया, साईं बाल विकास, इंटरनेशनल साईं ऑर्गनाइजेशन, मेडिकल ट्रस्ट, पब्लिकेशन डिविजन, हायर सेकेंडरी स्कूल
वृंदावन व अनंतपुरम शिक्षा केंद्र।
इन सभी कार्यों का उद्देश्य है, मानवता को बिना किसी भेदभाव के सेवा देना।
सत्य साईं बाबा का अनुयायियों को संदेश
प्रेम ही ईश्वर है
सत्य में ही शक्ति है
सेवा ही सच्ची पूजा है
सभी धर्मों का सार एक है
मन को पवित्र रखो, वाणी को मधुर रखो, कर्म को दिव्य बनाओ
सत्य साईं बाबा केवल एक संत या गुरु नहीं थे, बल्कि मानवता के पथ-प्रदर्शक थे। उन्होंने प्रेम, सेवा और एकता का संदेश देकर करोड़ों लोगों का जीवन बदल दिया। उनकी शिक्षाएं, चमत्कार और सेवा कार्य आज भी दुनिया को यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि ईश्वर का रूप मानवता की सहायता करने वालों में ही दिखाई देता है।
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