सर्वपितृ अमावस्या: इस 1 मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को दें अर्घ्य

Saturday, Sep 28, 2019 - 06:14 PM (IST)

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जैसे कि आप सब जानते हैं कि आज यानि 28 सितंबर 2019 को पितृ पक्ष का आख़िरी दिन यानि सर्वपितृ अमावस्या है। पितरों को विदा करने का आज अंतिम दिन है। मान्यता है कि पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करने से एक ही बार में सभी श्राद्ध का पुण्य प्राप्त हो जाता है। साथ ही साथ पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। 20 साल बाद शनिवार को पड़ रही ये अमावस्या अति शुभदायी व फलदायी मानी जा रही है। तो अगर आप भी इस दिन श्राद्ध व पिंडदान कर रहे हैं तो इसके साथ ही सर्वपितृ अमावस्या से संबंधित आगे बताए जाए वाले कुछ खास उपाय भी ज़रूर कर लें।

ये हैं सर्वपितृ अमावस्या के दिन किए जाने वाले वो खास उपाय जिस करने आपके पूर्वज सकुशल पहुंच जाएंगे पितृलोक-

ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस दिन दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त 2,5,11 या 16 दीपक ज़रूर जलाएं।

पितृ मोक्ष अमावस्या वाले दिन सुबह या शाम पीपल को पेड़ के नीचे अपने पितरों के निमित्त मिष्ठान व पीने योग्य जल की मटकी भरकर रखकर धूप-दीप जलाएं।

पितृ अमावस्या वाले दिन कुतप-काल बेला में अपने पितरों का श्राद्ध करें और गाय को हरी पालक खिलाएं।

इस दिन किसी मंदिर में या ब्राह्मण को आमान्य दान अवश्य करें।

सूर्यास्त के बाद घर की छत पर दक्षिण की तरफ़ मुख करके अपने पितरों के निमित्त तेल का चौमुखा दीपक जलाएं।

शास्त्रों के अनुसार पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर दान करने का खास महत्व माना जाता है। इसलिए जितना हो सके इस दिन जरूरतमंदों को दान करें।

इस दिन सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर निम्न मंत्र का जाप करें। 

ॐ पितृभ्य: नम
मंत्र जाप के साथ तीन बार सर्य देव को अर्घ्य दें। 

इसके साथ इस दिन गाय, कुत्ता, कौआ, पक्षी और चींटी को आहार ज़रूर प्रदान करें।


 

Jyoti

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