Sarvapitri Amavasya 2021: 16 दीपक जलाने से होते हैं पितर प्रसन्न!

Wednesday, Oct 06, 2021 - 03:26 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज यानी 6 अक्टूबर दिन बुधवार को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष का समापन इस अमावस्या के साथ होता है। इस दिन रात आदि के अलावा कई तरह के धार्मिक पुण्य कार्य किए जाते हैं। दर्श अमावस्या भी कहा गया है, इसके अलावा इस दिन विशेष तौर से पितरों के लिए 16 दीपक प्रज्वलित करने की परंपरा अधिक प्रचलित है। वास्तु शास्त्र में भी है दीपक जलाना बेहद माना गया है उर्मिला तो आइए जानते हैं कि पितरों के लिए दीपक क्यों जलाए जाते हैं तथा इन से क्या लाभ प्राप्त होता है।


ज्योतिष व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन सर्वपितृ अमावस्या के दिन कुतुप काल में आज संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा दीपक की रोशनी में पितरों को आने-जाने का रास्ता दिखाएं मान्यता है इसे मित्र प्रसन्न होते हैं।

दीप जलाकर पूरी हो अन्य मिष्ठान एक उचित स्थान पर रखें। मान्यता है ऐसा मित्र गणों भूखे ना रह जाए इस भाव से किया जाता है।

दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। दीपदान के लिए सूर्यास्त के बाद घर के दक्षिण दिशा में तिल के तेल के 16 दीपक जलाने चाहिए। इससे घर में सुथ-समृद्धिआती है। 


धार्मिक मान्यता है कि सर्वपितृ अमावस्या पर सभी पित्र आपके द्वार पर उपस्थित होते हैं उसके बाद सभी मित्र लोग लौट जाते हैं। इसीलिए दीपक चलाए जाते हैं।


पितरों के निमित्त दीपदान करने से पितरों को सद्गगति प्राप्त होती है। साथ ही दीपदान करने से जातक को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।


जो व्यक्ति इस दिन कपूर चलाता है उसके जीवन से देव दोष और पित्र दोष समाप्त होते हैं।


गुड और घी के मिश्रण को कंधे पर जलाने से पित्र दोष दूर होते हैं।


इसके अतिरिक्त पीपल व बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाने से, केसर का तिलक लगाने से, विष्णु भगवान के मंत्र जाप से, श्रीमद भगवत गीता का पाठ आदि करने से भी पितृदोष से राहत मिलती है।

 

Jyoti

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