Sarv Pitru Amavasya 2020: 1 ही बार में मिलेगा हर अमावस्या का शुभ फल, करने होंगे ये काम

Thursday, Sep 17, 2020 - 10:49 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
इस साल के पितृ पक्ष का आज आखिरी दिन है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या, दर्श अमावस्या तथा सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। सनातन धर्म में यूं तो प्रत्येक माह में आने वाली अमावस्या तिथि को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, परंतु पितृ पक्ष की अमावस्या को अधिक विशेष  इसलिए कहा गया है कि क्योंकि ये पितृ पक्ष में पड़ती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दौरान मुख्य रूप से पितरों का पिंडदान व श्राद्ध आदि जैसे कार्य किए जाते हैं, और अमावस्या तिथि की तो मुख्य रूप से श्राद्ध जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। तो ऐसे में जाहिर है पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि का महत्व अधिक होगा ही। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन श्राद्ध, पितर तर्पण के अलावा भी कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें इस दिन करना अधिक लाभदायक माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि पितृ पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन पितरों के साथ-साथ तमाम देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए।

मगर इससे पहले आपको बता दें इस अमावस्या तिथि पर उनका श्राद्ध या पितर तर्पण किया जाता है , जिनकी मृत्यु तिथि का न पता हो। या किसी कारण वश सही तिथि पर उनका श्राद्ध न कर पाए हो। 

अमावस्या के दिन ये उपाय करने से दूर होती है पितरों की नाराज़गी- 
इस दिन प्रात स्नान आदि करने के बाद 1 स्टील के लौटे में गंगा जल तथा काले तिल डालकर 3 ‘ॐ सर्वपितृ देवाय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए दक्षिण दिशा की तरफ़ मुख करके जल अर्पण करें।

लोक प्रचलित मान्यताओं के अनुसार साल में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या, भौमवती अमवस्या, और शनैश्चरी अमावस्या को सुबह पूड़ी और खीर, आलू की सब्जी, बेसन के लड्डू, केला और दक्षिणा के साथ सफ़ेद रंग के वस्त्र ब्राह्मण को दान के रूप में देना चाहिए। कहा जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न अधिक होते हैं। जिससे परिणाम स्वरूप जीवन के सभी दोष दूर होते हैं। 

अमावस्या तिथि का संबंध चंद्र से जुड़ा हुआ है, और चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान हैं। ऐसे में इस दिन दोनों की कृपा पानी अधिक आवश्यक मानी जाती है। कहा जाता है अमावस्या तिथि के भगवान शिव की पूजा आक के 21 पुष्पों, कच्ची, लस्सी तथा बेलपत्र के साथ विधि वत करने से पितर तो प्रसन्न होते हैं साथ ही साथ भगवान शिव की भी असीम कृपा प्राप्त होती है। 

अगर संभव हो तो किसी गरीब कन्या की शादी में अपनी क्षमता अनुसार मदद ज़रूर करें, कहा जाता है इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।

तो वहीं प्रत्येक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि के दिन पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, गंगाजल, काले तिल आदि को अर्पित करते हुए 3 बार ‘ॐ पितृभ्यः नमः’ मंत्र का जप करें। ऐसा करने से भी पितरों को शांति मिलती है। 

Jyoti

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