संस्कारधानी के नर्मदा तट पर स्थित हैं परशुराम मंदिर, यहां 1 नारियल चढ़ाने से होती है भक्तों की इच्छा पूरी

punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 04:41 PM (IST)

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जबलपुर: संस्कारधानी जबलपुर के उमा घाट स्थित परशुराम धाम ब्राह्मण समेत हिंदू धर्म को एकजुट करने के लिए एक विराट धाम है। संपूर्ण ब्राह्मण मंच ने ब्राह्मणों को एकजुट करने के मकसद से परशुराम धाम की स्थापना की। कल-कल बहती नर्मदा के सामने विराजमान परशुराम भगवान यहां लोगों को मनचाही मुराद देते हैं। इतना ही नहीं जो भी भक्त यहां आता है उसकी हर इच्छा भगवान परशुराम पूरी करते हैं। बताया जाता है संपूर्ण ब्राह्मण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित खम्परिया ने  ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए इस परशुराम धाम की स्थापना की थी, जो अब विराट वृक्ष बन चुका है। 

संस्कारधानी के इस परशुराम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। ऐसा कहा जाता है संस्कारों को जागृत करने में इस धाम का सबसे बड़ा योगदान है। इसके अलावा इस धाम में ब्राम्हण समाज समेत हिंदुओं को एकजुट करने के लिए बीते कुछ वर्ष पहले यहां भारत में शांति स्थापित करने के लिए एक अनोखा आयोजन किया गया था जिसके उपनयन संस्कार का नाम दिया गया था। इस उपनयन संस्कार की खास बात ये थी कि यहां पर ब्राह्मणों के साथ सभी लोगों को आमंत्रित किया गया कि जो ब्राम्हण बनना चाहे उपनयन संस्कार करवा सकता है। 

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लोक मत है कि यहां पर संस्कारों का वह बीज बोया जा रहा है जो आगे चलकर एक विशाल वन का निर्माण करेगा और इस विशाल वन जो फल होंगे वह सभी को मिलेंगे। इस परशुराम धाम की खास बात यह है कि यहां पर हर गुरुवार को भव्य आरती का आयोजन किया जाता है। इस आरती में कोई भी एक नारियल चढ़ाकर भगवान परशुराम से मनोवांछित वरदान प्राप्त कर लेता है। इस धाम की कीर्ति दिन भर दिन फैलती जा रही है। नर्मदा तट पर इस धाम के होने के कारण यहां का महत्व और बढ़ जाता है।

लोग यहां पर नर्मदा  एवं भगवान परशुराम का दर्शन कर उनका आशीर्वाद पाते हैं। बता दें उपनयन संस्कार तो एक यहां पर कड़ी थी वास्तव में संपूर्ण ब्राह्मण मंच इस परशुराम धाम के सहारे देश के समस्त देशवासियों को एकजुट और संस्कारी बनाने में जुटा हुआ है।


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Content Writer

Jyoti

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