संकष्टी चतुर्थी: आज शाम को 11 बार करें ये पाठ, दुखों का नाश

Monday, Apr 22, 2019 - 02:25 PM (IST)

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हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 22 अप्रैल, 2019 को संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से भगवान गणेश को खुश करने के सिलसिला शुरू हो जाता है। हर कोई विधि-विधान के अनुसार इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करता ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके और घर में सुख-समृद्धि बढ़ सके। आज हम आपको इस खास मौके पर बताएंगे गजानन को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका। जी हां, ये उपाय इतना आसान और सटीक है कि कोई भी इसे कर सकता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी का नाम स्मरण करने मात्र से ही आपको सुख-शांति मिलती है। श्री गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है। चतुर्थी व्रत भगवान श्री ज्योतिष शास्त्र के अलावा संकष्टी चतुर्थी को सकट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ, तिलकुट चौथ से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन हर कष्‍ट से मुक्ति पाने के लिए और घर में बरकत के लिए शाम के समय गणेश जी की प्रतिमा के सामने बैठकर 'संकटनाशन गणेश स्तोत्र' का 11 बार पाठ करने सेव्यक्ति के समस्त दुखों का नाश भी होता है।

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम्।।

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम्।।

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय:।।

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।

Jyoti

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