कौन है रूरू भैरव, पूजा से मिलता है कैसा लाभ

punjabkesari.in Saturday, Mar 13, 2021 - 05:36 PM (IST)

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धार्मिक ग्रंथों में काल भैरव की पूजा का अधिक महत्व बताया। यूं तो पुराणों आदि के अनुासर मुख्य रूप 8 भैरव माने गए हैं, भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव। परंतु मुख्य रूप से काल भैरव और बटुक भैरव की पूजा का प्रचलन है। अगर बात करें श्रीलिंगपुराण की तो इसमें 52 भैरवों का वर्णन मिलता है। इसके अलावा आदि शंकराचार्य ने भी 'प्रपञ्च-सारैं तंत्र' में अष्ट भैरवों के नाम लिखे हैं। तंत्र शास्त्र में भी इनका उल्लेख किया गया है। इन सभी के अतिरिक्त सप्तविंशति रहस्य में 7 तरह के भैरव के नाम उल्लेखित है। इसी ग्रंथ में 10 वीर-भैरवों तथा 3 तीन बटुक भैरव के बारे में भी बताया गया हैै। रुद्रायमत तंत्र शास्त्र में 64 प्रकार के भैरव के नामों का वर्णित। इन सब में से एक रूरू भैरव भी है। जिसके बारे में आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं।

सबसे पहले जानते हैं कौन हैं भगवान रूरू भैरव बाबा- 
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भैरव का रूरू यानि गुरु रूप अत्यंत प्रभावशाली व आकर्षक है। इनके इस अवतार में इनके हाथों में कुल्हाड़ी, पात्र, तलवार और कपाल है। इनकी कमर में एक सर्प आ है, ये बैल की सवारी करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इनकी पूजा से व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है। इनकी पत्नी का नाम पुराणों में माहेश्वरी है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में रूरू भैरव की उत्पत्ति श्री कृष्ण के दाहिनी नेत्र से बताई गई है। 

इनकी पूजा से जीवन दूर होते हैं सभी संकट- 
ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि भैरव जी का यह रूप विशेष तौर से संपत्ति, धन और समृद्धि प्रदान करता हैै। इसके अलावा रूरू भैरव की उपासना से जातक को नौकरी और रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। घर-परिवार में प्रेम पूर्ण वातावरण निर्मित होता है। जिस जातक के जीवन में संकट होते हैं इनकी उपासना से समस्त संकट दूर हो जाते हैं। 

यहां जानें इनका पूजन मंत्र- 
ॐ भं भं ह्रौं रूरु भैरवाये नम:।।

बता दें तंत्रसार और ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंडान्तर्गत दुर्गोपाख्यान में आठ पूज्य निर्दिष्ट हैं- महाभैरव, संहार भैरव, असितांग भैरव, रूरू भैरव, काल भैरव, क्रोध भैरव, ताम्रचूड भैरव, चंद्रचूड भैरव। भगवान शिव की नगरी काशी में अष्ट भैरव के मंदिर हैं जिसमें रूरू भैरव का मंदिर हनुमान घाट हरिश्चन्द्र घाट के समीप स्थित है। इनका एक खास मंदिर रत्नगिरीश्वर (तमिलनाडु) में है। 


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Jyoti

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