साईं मंदिर की तोडफ़ोड़ पर कोर्ट ने लगाई रोक

Tuesday, May 03, 2022 - 11:44 AM (IST)

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नई दिल्ली: बीते दिन प्राप्त जानकारी के अनुसार सरोजनी नगर के एच ब्लॉक में पिछले 40 वर्षों से स्थित साई मंदिर पर लैंड एंड डेवपलमेंट डिपार्टमेंट (एल एंड डीओ) ने नोटिस जारी कर तोडऩे के निर्देश दिए थे। आरोप था कि यह मंदिर सरकारी जमीन पर बना हुआ है। अगामी एक सप्ताह के अंदर इस मंदिर पर कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थें। वहीं सरोजनी नगर और बाबू मार्केट के व्यापारियों का आरोप था कि मंदिर को गलत तरीके से हटाया जा रहा है। यहां पर बिजली और पानी दोनों के कनेक्शन जुड़े हुए हैं और नियमित रूप से जमा भी किए जा रहे हैं। सरोजनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि मंदिर में आए दिन व्यापारियों की तरफ से कोई न कोई पूजा अर्चना या भंडारे का प्रोग्राम किया जाता है। व्यापारियों की मंदिर से आस्था जुड़ी हुई है। व्यापारियों ने अपने पास से पैसे एकत्रित करके मंदिर का निर्माण करवाया था। उन्होंने बताया कि मंदिर पर कार्रवाई न होने के लिए एसोसिएशन सहित कई व्यापारियों ने पीएमओ और गृहमंत्रालय को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।

सरोजनी नगर मार्केट के एच ब्लॉक में स्थित साईं मंदिर पर सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फिलहाल तोडफ़ोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी। कोर्ट ने एलजी को निर्देश दिया कि वह अपनी निगरानी में एक कमेटी का गठन करे। वह कमेटी ये तय करेगी कि ये मंदिर यहीं पर रहेगा या कहीं दूसरी जगह पर स्थानांतरित किया जाएगा। लेकिन जबतक ये निश्चित नहीं किया जाता, तबतक मंदिर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

हाल ही में आई जानकारी के अनुसार सरोजनी नगर मिनी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि करीब 3 दिन पहले एलएंड डीओ डिपार्टमेंट के कुछ कर्मचारियों ने मंदिर पर एक नोटिस चस्पा कर दिया था। जिसमें लिखा था कि ये मंदिर सरकारी जमीन पर बनाया गया है और इसे एक सप्ताह के अंदर खाली कर लें, क्योंकि अतिक्रमण करने के आरोप में इस पर कार्रवाई होनी है। इसके बाद मंदिर के महिला मंडल की अध्यक्ष प्रीति ने दिल्ली हाईकोर्ट में मंदिर पर कार्रवाई न होने को लेकर अपील दायर की थी। 

सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट काउंसिल के वकील प्रशांत कटारा ने मंदिर के पक्ष में अपनी बात रखी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने एलजी को निर्देश दिए कि वह अपनीनिगरानी में एक कमेटी का गठन करे। वह कमेटी ये निश्चित करेगी यह मंदिर यहीं पर रहेगा या कहीं पर स्थानांतरित किया जाएगा। यही नहीं अगर यह मंदिर कहीं पर स्थानांतरित किया जाएगा तो उसकी जगह निश्चित करके कोर्ट को बताएं। एक महीने के अंदर कोर्ट ने यह सभी रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।

Jyoti

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