Safla Ekadashi: हर काम में सफलता के लिए पढ़ें कथा और पूजा विधि

Monday, Dec 19, 2022 - 08:09 AM (IST)

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2022 Saphala Ekadashi Vrat: आज 19 दिसंबर, सोमवार पौष कृष्ण एकादशी के दिन सफला एकादशी मनाई जाएगी। इस एकादशी के देव श्रीनारायण हैं। जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, ग्रहों में चंद्रमा, यज्ञों में अश्वमेध व देवों में श्रीहरि श्रेष्ठ हैं, अतः व्रतों में एकादशी श्रेष्ठ है। इस दिन नरयाण के निमित्त अगरबत्ती, नारियल, सुपारी, आंवला, अनार व लौंग अर्पित करके दीपदान व रात्रि जागरण करके विधिवत पूजन किया जाता है।


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Safla Ekadashi Katha Significance And Importance: श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को सफला एकादशी का महात्म बताते हुए कहा था की चंपावती के राजा महिष्मत का सबसे छोटा पुत्र लुंपक अति दुष्ट था। दु:खी होकर राजा ने उसे राज्य से निकाल दिया। जंगलों में भटकते हुए उसे तीन दिन तक भूखा रहना पड़ा। भूख से दु:खी उसने साधु की शरण ली। उस दिन सफला एकादशी होने के कारण उसे भोजन नहीं मिला। साधु ने उसे वस्त्रादि देकर उसका सत्कार किया। जिससे लुंपक का हृदय परिवर्तित हुआ व वो वहीं रहकर भक्ति मार्ग पर चलकर एकादशी व्रत करने लगा। महात्मा के वेश में स्वयं महाराज महिष्मत ने उसे दर्शन दिये व उसे राज-पाठ सौंप दिया।

What is Saphala Ekadashi : शास्त्रों के अनुसार सफला एकादशी के विधिवत व्रत-पूजन से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बाधित कार्य संपन्न होते हैं व कार्यों में सफलता मिलती है। इसीलिए इसे सफला कहते हैं।


Saphala Ekadashi puja vidhi : विशेष पूजन विधि: श्रीनारायण का विधिवत पूजन करें। गौघृत का दीप करें, मोगरे की अगरबत्ती करें, रोली से तिलक करें, तुलसी पत्र चढ़ाएं, लौकी की खीर का भोग लगाएं, तुलसी की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत मखाने की खीर प्रसाद स्वरूप बांट दें।

Saphala Ekadashi puja mantra: पूजन मंत्र: ॐ सत्य-नारायणाय सिद्धाय नमः॥


Saphala Ekadashi Upay: उपाय
भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए श्रीनरायाण पर केले चढ़ाएं।

बाधित कार्य संपन्न कराने हेतु श्रीनरायाण पर चढ़ा हरा धागा कलाई पर बांधें।

हर काम में सफलता हेतु श्रीनारायाण पर चढ़ी 11 साबुत सुपारी तिजोरी में रखें।

Niyati Bhandari

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