क्या सच में भगवान शिव और श्री हरि की संतान है अयप्पा स्वामी?

punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 10:28 AM (IST)

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सबरीमाला मंदिर के बारे में ये बात तो सब जानते ही हैं कि वहां औरतों का जाना वर्जित है और इस बात का फैसला आज यानि 14 नवंबर को सुनाया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये मंदिर 800 साल पुराना है और इसमें महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद भी दशकों पुराना है। इस मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं का आना वर्जित है। जिसका फैसला आज सुनाया जा रहा है। यहां भगवान अयप्पा विराजित हैं, जिनके दर्शनों के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। 
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कौन है अयप्पा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान अयप्पा भगवान शिव और माता मोहिनी के पुत्र माने जाते हैं। बता दें कि मोहिनी भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप है जो उन्होंने समुद्र मंथन के दौरान दानवों का ध्यान भटकाने के लिए लिया था। शिव और विष्णु से उत्पन होने के कारण भगवान अयप्पा को ‘हरिहरपुत्र’ के नाम से भी जाना जाता है। हरिहरपुत्र के अलावा भगवान अयप्पा को अयप्पन, शास्ता, मणिकांता नाम से भी जाना जाता है।
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मान्यता है कि जो लोग भी मंदिर में भगवान के दर्शनों के लिए आते हैं, उनके पास पल्लिकेट्टू होना अनिवार्य है। पल्लिकेट्टू एक छोटा झोलेनुमा कपड़ा होता है, जिसमें गुड़, नारियल और चावल इत्यादि प्रसाद का सामान होता है। 
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मंदिर का इतिहास 
इस मंदिर में भगवान के दर्शनों के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं। ये मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किमी की दूरी पर मौजूद है। जो समुद्रतल से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है, जहां हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में दर्शन करने का महत्व: मान्यता है कि अगर यहां आने वाले श्रद्धालु तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, उपवास रखकर और सिर पर नैवेद्य लेकर दर्शन के लिए आते हैं तो उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।


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