पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पहले ज़रूर जान लें ये बातें

Saturday, Sep 07, 2019 - 01:06 PM (IST)

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गणेश उत्सव के समापन के अगले दिन इस साल के पितृ पक्ष का आंरभ हो जाएगा। हिंदू धर्म में मुख्य त्यौहारों व पर्वों की तरह इसका भी बहुत महत्व है। वो इसलिए क्योंकि पितृ पक्ष का संबंध हमारे पूर्वजों से होता है। मान्यताओं के अनुसार पूर्वजों की शांति के लिए इस दौरान कई तरह के कार्य किए जाते हैं। जिसमें पितृ तर्पण करना आवश्यक होता है। कहा जाता है इससे पूर्वजों के आशीर्वाद से परिवार सुखी एवं संपन्न रहता। इसलिए कहा जाता है मनुष्य को देवताओं के साथ-साथ अपने पितरों का भी पूजन करना चाहिए।

मगर इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है। अगर ऐसा न किया जाए तो पितृ नाराज़ हो जाते हैं। जिसके कारण जीवन में कई तरह की अड़चनें पैदा हो जाती हैं। बता दें इस बार पितृ पक्ष 13 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर चक चलेगा। इसका मतलब इस बीच व्यक्ति स्वर्गीय पूर्वजों की शांति आदि के लिए तर्पण व पिंडदान आदि कर सकते हैं।

यहां जानें पितृपक्ष में श्राद्ध करने से पहले किन बातों का जान लेना है अधिक ज़रूरी है-
पितृ पक्ष श्राद्ध में कोई मांगलिक कार्य एवं शुभ कार्य नहीं करें। प‌ितृपक्ष के द‌िनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें।

पितृ पक्ष के दौरान दाढ़ी मूंछें नहीं कटवाएं। क्योंकि कहा जाता है इसका संबंध भी शोक व्यक्त करने से है।

प‌ितृपक्ष में स्वर्ण और नए वस्‍त्रों की खरीदारी नहीं करनी चाह‌िए, क्योंकि जो हमारे बीच में नहीं रहे उन पूर्वजों के प्रति शोक व्यक्त करने का समय होता है पितृपक्ष।

इस दौरान अगर घर में कोई अत‌िथ‌ि या याचक आएं तो उन्हें ब‌िना भोजन पानी द‌िए घर से नहीं जाने दें। वैसे भी ये तो सब जानते ही हैं कि घर आए मेहमान को कभी भी बिना कुछ खिलाए पिलाए नहीं जाने देना चाहिए। मान्यता है क‌ि हमारे प‌ितर क‌िसी भी रूप में श्राद्ध मांगने आ सकते हैं।

प‌ितृपक्ष में नया घर नहीं खरीदना या बदलना चाह‌िए। ऐस कहा जाता है जहां प‌ितरों की मृत्यु हुई होती है वह अपने उसी स्‍थान पर लौटते हैं और अगर उनकी संतानें उस स्‍थान पर नहीं म‌िलती तो उन्हें तकलीफ़ होती है। इसके साथ ही प‌ितृपक्ष में नए वाहन नहीं खरीदें। इसे भौत‌िक सुख से जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि जब व्यक्ति शोक में होते हैं या क‌िसी के प्रत‌ि दुख प्रकट करते है तो जश्न नहीं मनाया जाता। इसल‌िए इन द‌िनों वाहन की खरीदारी नहीं करनी चाहिए।

प‌ितृपक्ष में ब‌िना प‌ितरों को भोजन दिए स्वयं भोजन नहीं करना चाह‌िए अर्थात आप जो भी भोजन बनाएं उसमें एक ह‌िस्सा गाय, कुत्ता, ब‌िल्ली या कौए को ख‌िला दें। इससे पुण्य मिलने के साथ-साथ पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है। इन दिनों किसी अन्य व्यक्ति के घर का भोजन भी नहीं करना चाहिए।

 

Jyoti

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