Rishi Panchami Vrat Katha: महिलाओं के लिए बेहद खास है ऋषि पंचमी का पर्व, पढ़ें कथा

Tuesday, Sep 19, 2023 - 11:21 AM (IST)

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Rishi Panchami: हर वर्ष गणेश चतुर्थी के अगले दिन ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाता है और इस हिसाब से वर्ष 2023 में ये व्रत 20 सितंबर को रखा जाएगा यानी कल। ये व्रत महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। कहते हैं जो भी स्त्री ये व्रत रखती है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। भारत के कई जगहों में इसे भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत देवी-देवताओं को नहीं बल्कि सप्त ऋषियों को समर्पित है। इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा करने का विधान है। जाने-अनजाने में हुई गलतियों से मुक्ति दिलाने के लिए भी ये व्रत उत्तम माना गया है।



For this reason this fast is special for women  इस वजह से ये व्रत महिलाओं के लिए है खास
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है। अगर इस समय में गलती से कोई पूजा-अर्चना का सामान स्पर्श हो जाए तो बहुत पाप लगता है। इस तरह के पाप से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत बहुत खास होता है। मासिक धर्म में हुई गलतियों के प्रायश्चित के लिए ये व्रत रखा जाता है।

Rishi Panchami Vrat Katha ऋषि पंचमी व्रत कथा
किवदंतियों के अनुसार विदर्भ गांव में उत्तंक नाम का एक ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम सुशीला था जो की बहुत पतिव्रता थी। ब्राह्मण का एक पुत्र और पुत्री थी। ब्राह्मण ने खुशी-खुशी अपनी बेटी को विवाह करके विदा किया लेकिन कुछ समय पश्चात ही वो विधवा हो गई। दुखी होकर ब्राह्मण अपनी कन्या के साथ गंगा के पास कुटिया बनाकर रहने लगे।



एक दिन वो कन्या सो रही थी और उसका सारा शरीर कीड़ों से भार गया। ये देखकर ब्राह्मण की पत्नी बहुत घबरा गई और सारी बात जाकर ब्राह्मण को बताई और कहने लगी मेरी बेटी से ऐसी क्या गलती हो गई जो इसके साथ ऐसा हुआ ?

ब्राह्मण ने ध्यान लगाकर इस घटना का पता किया और देखा कि पिछले जन्म में भी ये कन्या ब्राह्मणी थी। रजस्वला के समय में उसने बर्तन छू दिए थे। जिस वजह से उसके शरीर में कीड़े पड़ गए हैं। इस समस्या का समाधान पाने के लिए ब्राह्मण ने कहा कि इस पाप से मुक्ति पाने के लिए कन्या से ऋषि पंचमी का व्रत कराया जाए। पिता की आज्ञा से पुत्री ने ऐसा ही किया और कुछ समय बाद इस व्रत के कारण उसके जीवन से सारे दुःख-दर्द दूर हो गए

Niyati Bhandari

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