राजा दशरथ के मुकुट से जुड़ा ये रहस्य नहीं जानते होंगे आप

Friday, Mar 22, 2019 - 01:48 PM (IST)

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Raja Dashrath : रामायण से जुड़ी ऐसी बहुत सी कहानियां और रहस्य हैं जिनसे आज भी लोग अंजान है। आज हम आपके लिए रामायण से जुड़ा ऐसा ही किस्सा या कहें रहस्यमयी कथा के लेकर आए हैं, जिसके बारे में 99 फीसदी लोग नहीं जानते होंगे। तो चलिए देर न करते हुए जानते हैं रामायण से जुड़े इस दिलचस्प रहस्य के बारे में।

राजा दशरथ के मुकुट से जुड़ी कथा

रामायण से जुड़ी बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं, उन्हीं में से एक कथा राजा दशरथ के मुकुट से जुड़ी है। इससे जुड़ी कथा के अनुसार राजा दशरथ अक्सर जब जंगल में भ्रमण करते थे तो अपनी पत्नी कैकयी को भी साथ ही लेकर जाते थे। इसलिए कई बार युद्ध के दौरान कैकयी राजा दशरथ के साथ होती थी। एक बार की बात है राजा दशरथ और कैकयी वन की ओर निकलें। जहां उनका सामना बाली से हो हुआ। इस दौरान बाली ने राजा दशरथ को युद्ध के लिए ललकार दिया। जोश में आकर राजा दशरथ ने युद्ध की चनौती को स्वीकार कर लिया परंतु वो ये भूल गए कि बाली को वरदान प्राप्त था कि जिस किसी पर भी बाली की दृष्टि पड़ेगी उसकी आधी शक्ति बाली के अंदर आ जाएगी। अतः यगह तो निश्चित था कि राजा दशरथ और बाली के बीच में से जीत बाली की होगी और हुआ भी ऐसा है। 

राजा दशरथ के युद्ध में हार जाने पर बाली ने उनके आगे एक शर्त रखी थी कि या तो उन्हें बाली को कैकयी को सौंपना होगा या फिर रघुकुल की शान अपना मुकुट उस सौंपना होगा। जिसके बाद राजा दशरथ अपना मुकुट बाली को देकर रानी कैकेयी के साथ वापस अयोध्या लौट गए। परंतु रानी कैकयी इस बात से अत्यंत दुखी थी। उन्हें हर राजा दशरथ के मुकुट की चिंता सताने लगी। वह दिन रात उसकी वापसी की चिंता में रहने लगी।

मान्यताओं के अनुसार जब श्रीराम के राजतिलक का समय आया तब दशरथ जी और कैकयी के बीच को मुकुट को लेकर चर्चा हुई। क्योंकि ये बात केवल यही दोनों जानते थे। कहा जाता है कि कैकेयी ने रघुकुल की शान को वापस लाने के लिए ही श्री राम को वनवास भेजने का कलंक अपने माथे लिया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उन्होंने श्री राम को वनवास भेजने से पहले कहा था कि बाली से मुकुट वापस लेकर आना।
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Jyoti

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