युधिष्ठिर ने औरत जात को कौन सा श्राप दिया था !

Thursday, Jan 03, 2019 - 03:10 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
महाभारत को एक महाकाव्य के रूप में लिखा गया भारत का ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ माना जाता है। यह विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य ग्रंथ है। धर्म की रक्षा के लिए भाईयों के बीच हुए युद्ध में कई रोचक कहानियां और किस्से ऐसे भी है जिसके बारे में आज भी कई लोग अनजान है। आज हम आपको महाभारत के समय होने वाली 3 ऐसे घटनाओं के बारे में बताने वाले हैं जिसका असर आज तक इस धरती पर देखा जा सकता है।

स्त्रियों को श्राप देना
युद्ध के समाप्त होने पर कुंती ने पांडवो को कर्ण के बारे में बताया कि वह उनका भाई था। सभी पांडव इस बात को सुनकर निराश हो गए। तब युधिष्ठिर ने विधि-विधान से कर्ण का अंतिम संस्कार किया। लेकिन इस बात से युधिष्ठर कुंती से नाराज़ थे और उन्होंने गुस्से में आकर स्त्री जाति को ही श्राप दे डाला कि आज से कोई भी स्त्री किसी भी प्रकार की गोपनीय बात का रहस्य नहीं छुपा पाएगी। यानि कोई रहस्य की बात उनके पेट में नहीं रह पाएगी।

धरती पर कलियुग
एक बार राजा परिक्षित ने शमीक ऋषि के गले में एक मारा हुआ सांप डाल दिया। लेकिन जब ये बात ऋषि शमीक के पुत्र श्रृंगी को पता चली तो उन्होंने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि आज से सात दिन बाद राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हो जाएगी। राजा परीक्षित के जीवित रहते कलियुग में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वे हावी हो सके परन्तु उनकी मृत्यु के पश्चात ही कलियुग पूरी पृथ्वी पर हावी हो गया।

अश्वत्थामा पृथ्वी पर भटकता रहेगा
महाभारत के युद्ध में अश्वत्थामा अपने अस्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ की ओर कर दी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तुम तीन हजार वर्ष तक इस पृथ्वी पर भटकते रहोगे और किसी भी जगह, किसी इंसान के साथ तुम्हारी बातचीत नहीं हो सकेगी।
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Lata

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