क्या सच में आज भी हनुमान जी करते हैं राम भक्तों का बेड़ा पार ?

Wednesday, Mar 06, 2019 - 02:13 PM (IST)

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इस बात से तो सब वाकिफ हैं कि जब-जब धरती पर कोई संकट आया है तो भगवान शिव ने अपने भक्तों को बचाने के लिए बहुत से अवतार लिए हैं। भोलेनाथ ने त्रेता युग में हनुमान जी का अवतार लेकर भगवान राम की मदद की थी और यही नहीं बल्कि हनुमान जी का अवतार सबसे श्रेष्ठ माना गया है। हनुमान जी एक ऐसे देव हैं जिन्हें अजर-अमर होने का वरदान मिला था। लेकिन क्या किसी को ये पता है कि वे कलयुग में भी जीवित हैं? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी से जुड़ी एक रोचक कथा के बारे में बताएंगे।

रामायण के अनुसार जब लंका में बहुत खोज करने पर माता सीता का पता नहीं चला तो हनुमान जी को लगा कि वे मर चुकी हैं लेकिन जैसे ही उनको भगवान राम का स्मरण हुआ तो उन्होंने अपनी पूरी ताकत के साथ माता सीता को अशोक वाटिका में खोज लिया और उसी समय माता ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया था। इसलिए हनुमान जी हर युग में श्री राम के भक्तों की रक्षा अवश्य करते हैं। इस बात का प्रमाण हनुमान चालीसा की एक चौपाई में भी मिलता है कि "अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता...अस बर दीन्ह जानकी माता"। यानि भगवान को देवी सीता से ऐसा वरदान मिला था जिसकी वजह से वे किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते हैं।

एक समय में भगवान राम ने अपनी जीवित समय में बता दिया था कि वे कब तक धरती पर रहेंगे और कब अपने धाम में वापस चले जाएंगे। लेकिन जब इस बात का पता हनुमान जी को लगा तो उन्हें बहुत ज्याद दुख हुआ था और ये जानने के बाद वे सीधा माता सीता के पास जाकर कहने लगे आपने मुझे अजर-अमर होने का वरदान दिया लेकिन जब मेरे प्रभु ही इस धरती पर नहीं रहेंगे तो मेरे अमर होने का क्या फायदा? तो आप मुझ से ये वरदान वापिस ले लीजिए। 

कुछ समय बाद वहां पर भगवान राम भी आ पहुंचे और हनुमान जी को अपने गले से लगा लिया। राम जी ने कहा कि इस धरती पर जो भी आता है उसका मरण भी निश्चित होता है। फिर वो चाहे कोई देव ही क्यों न हो और तुम्हें तो ये वरदान खुद देवी सीता ने दिया है, तुम इस धरती पर रहकर राम नाम लेने वालों का बेड़ा पार लगाओगे और धरती पर एक समय ऐसा आएगा कि जब कोई देव अवतार नहीं होगा तो पापी लोगों की संख्या बढ़ जाएगी और तब तुम भक्तों का उद्धार करोगे और तभी हनुमान जी अपने अमर होने के वरदान को समझ पाए थे और भगवान राम की आज्ञा के अनुसार आज भी धरती पर राम भक्तों का बेड़ा पार लगाते हैं। ऐसा माना भी गया है कि जहां भगवान राम का नाम, राम कथा या रामायण का पाठ हो तो वहां हनुमान जी भक्त के रूप में जरूर आते हैं। 

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Lata

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