देवी दुर्गा के इस फैसले से सन्न रह गए श्री राम!

Monday, Dec 16, 2019 - 11:32 AM (IST)

देवी दुर्गा के इस फैसले से सन रह गए श्री राम!
हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है रामायण। जिसमें मर्यादा पुरुषोत्त्म श्री राम के जीविनी से जुड़े हर प्रसंग का वर्णन किया गया है। इसमें श्री राम के वनवास से लेकर उनके रावण से भीष्ण युद्ध तक का उल्लेख मिलता है। मगर इसमें एक किस्सा आज भी ऐसा है जिससे लगभग लोग अवगत नहीं होंगे। श्री राम तथा रावण के युद्ध के बारे में तो सब जानते हैं, ये भी जानते हैं कि श्री राम ने रावण का वध कर अपनी अर्धांगिनी को उसके चंगुल से बचाया था। 

क्योंकि श्री राम सच्चाई के मार्ग पर चलते थे इसलिए आप सब का यही मानना होगा कि उनकी विजय होनी निश्चित खी। अब इस हिसाब से देखा जाए तो समस्त देवी-देवताओं को इनके ही साथ होना चाहिए था। परंतु क्या आप जानते हैं युद्ध के दौरान श्री राम की जगह देवी दुर्गा रावण के पक्ष में थी। धार्मिक कथाओं के अनुसार जब श्री राम तथा रावण के बीच में भीषण युद्ध हो रहा था तो युद्ध के आरंभ में श्री राम संपूर्ण पराक्रम से लड़ रहे थे, किंतु फिर भी रावण का पलड़ा भारी रहा। जिसे देखकर राम जी बड़े ही आश्चर्य चकित हुए कि स्वयं देवी दुर्गा जो शक्ति की प्रतीक हैं, वह रावण के पक्ष में खड़ी हैं।

रणभूमि में श्री राम दिव्य बाणों का उपयोग किया लेकिन तो देवी दुर्गा ने रावण के पक्ष में विशाल रूप ग्रहण करके उसे अपने कवच से सुरक्षित किया। श्री राम के सभी अस्त्र बुझ-बुझकर क्षीण होते गए। मां की शक्ति के कारण अब यह युद्ध 'नर-वानर' का युद्ध नहीं रह गया था।

अब भगवान श्री राम सोचकर निस्तब्ध हो गए कि मां दुर्गा अन्याय के साथ में क्यों खड़ी हैं, तब श्री राम ने जामवंत जी से कहा की अब इस युद्ध में मेरी विजय के कोई आसार नहीं है। क्योंकि रावण ने मां की शक्तियां तपस्या से प्राप्त की हैं।

इसके उत्तर में जामवंत जी ने भगवान राम को भी तपस्या करने की सलाह दी और कहा रावण तो अहंकारी है अगर वो अहंकारी होकर शक्ति का पक्ष पा सकता है, तो आप तो उससे भी कम समय में 'शक्ति' को 'सिद्ध' कर सकते हैं। आप भी मां की आराधना करें।

बताया जाता है इसके बाद ही श्री राम ने देवी पूजन किया था और जब देवी दुर्गा ने इस दौरान उनकी परीक्षा लेनी चाही तो श्री राम ने अपना यज्ञ पूर्ण करने के लिए 1 पुष्प के कम होने पर नयन का अर्पण करने लगे थे तभी मां दुर्गा प्रकट हुई और भगवान राम को विजय का आशीर्वाद दिया।

 

Jyoti

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