किस गलती की मां पार्वती ने गणेश को दी ऐसी सज़ा

Wednesday, Jan 23, 2019 - 05:58 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
इस बात से तो सब वाकिफ़ ही होंगे कि हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश को माना जाता है। हर शुभ काम की शुरुआत करने से पहले गणपति की आराधना की जाती है, उसके बाद ही उस कार्य को किया जाता है। आज हम आपको गणेश जी से जुड़ी एक ऐसी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें ये बताया गया है कि गणपति ने कैसे बचपन में ऋषि गौतम की रसोई से भोजन चुराया था।

एक पौराणिक कथा के अनुसार बाल गणेश अपने मित्र मुनि पुत्रों के साथ खेल रहे थे। खेलते-खेलते उन्हें भूख लगने लगी। जहां वे सब खेल रहे थे वहीं पास ही गौतम ऋषि का आश्रम था। उस समय ऋषि गौतम ध्यान में लीन थे और उनकी पत्नी अहिल्या रसोई में भोजन बना रही थीं। गणेश जी आश्रम में गए और अहिल्या का ध्यान बंटते ही रसोई से सारा भोजन चुराकर ले गए और अपने मित्रों के साथ खाने लगे। जब अहिल्या के इस बात का पता चला कि उसकी रसोई से भोजन चोरी हो गया है तो उन्होंने गौतम ऋषि का ध्यान भंग किया और बताया कि रसोई से भोजन गायब हो गया है।

ऋषि गौतम ने बाहर जाकर देखा तो गणेश अपने मित्रों के साथ भोजन कर रहे थे। गौतम उन्हें पकड़कर माता पार्वती के पास ले गए और माता पार्वती को चोरी की बात बताई। इस पर माता ने गुस्से में गणेश को एक कुटिया में ले जाकर बांध दिया। कुछ समय बाद माता को इस बात का आभास होने लगा कि जैसे गणेश उनकी गोद में हैं, लेकिन जब देखा तो गणेश कुटिया में बंधे दिखे। इसके बाद माता अपने काम में लग गई लेकिन उन्हें थोड़ी देर बाद फिर आभास होने लगा जैसे गणेश शिवगणों के साथ खेल रहे हैं।

कुछ समय बाद उन्होंने कुटिया में जाकर देखा तो गणेश वहीं बंधे दिखे। लेकिन माता का बूरा हाल होने लगा क्योंकि अब हर जगह माता को गणेश दिखने लगे। कभी खेलते हुए, कभी भोजन करते हुए और कभी रोते हुए। माता ने परेशान होकर फिर कुटिया में देखा तो गणेश आम बच्चों की तरह रो रहे थे और रस्सी से छुटने का प्रयास कर रहे थे। ये देखकर माता को उन पर पहले से भी अधिक प्यार आया और दयावश उन्हें खोलकर अपने गले लगा लिया। 
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Lata

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