हर साल खरमास क्यों आता है जानिए पौराणिक कथा

Sunday, Jan 13, 2019 - 02:59 PM (IST)

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हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार खरमास 16 दिसंबर 2018 से शुरु होकर 14 जनवरी 2019 तक चलेगा। शास्त्रों के मुताबिक इस दौरान कोई भी मांगलिक काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि हर सौर वर्ष में एक सौर मास खरमास कहलाता है। जब सूर्य धनु राशि में विद्यमान हो, तभी से ये समय सूर्य मलीन हो जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खरमास, मलमास और पौष मास आदि नामों से जाना जाता है। तो चलिए आज हम आपको खरमास से जुड़ी एक पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा। 

पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान सूर्य अपने 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं तो उन्हें कहीं पर भी रुकने की इजाजत नहीं होती है। अगर वे रुकते हैं तो उनके साथ ही जनजीवन भी ठहर जाएगा। लेकिन एक बार घोड़े उनके रथ में जुते होते हैं और वे लगातार चलने व विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक जाते हैं।

उनकी ऐसी दशा को देखकर सूर्य देव का मन भी व्याकुल हो गया। तब सूर्य देव उन्हें एक तालाब किनारे ले गए लेकिन उन्हें तभी यह भी आभास हुआ कि अगर ये रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा। लेकिन उसी समय नदी के किनारे दो खर मौजूद थे। तभी सूर्य देव घोड़ों को पानी पीने व विश्राम देने के लिए छोड़ देते हैं और खर यानि गधों को अपने रथ में जोड़ लेते हैं। 

लेकिन घोड़ा, घोड़ा होता है और गधा, गधा। घोड़ो की जगह जब गधे को रथ के साथ बाधां गया तो रथ की गति धीमी हो गई, लेकिन फिर भी जैसे-तैसे 1 मास का चक्र पूरा होता है, तब तक घोड़ों को भी विश्राम मिल चुका होता है। इस तरह यह क्रम चलता रहता है और हर सौरवर्ष में 1 सौरमास यानि खरमास कहलाता है।
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Lata

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