मानो या न मानो- जो होता है अच्छे के लिए होता है

Thursday, Apr 30, 2020 - 12:57 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

एक बार भगवान से उनका सेवक कहता है, भगवन आप एक जगह खड़े-खड़े थक गए होंगे। एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बनकर खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर घूम आओ। 

भगवान मान जाते हैं लेकिन शर्त रखते हैं कि जो भी लोग प्रार्थना करने आएं, तुम बस उनकी प्रार्थना सुन लेना, कुछ बोलना नहीं। मैंने उन सभी के लिए योजना बनाकर रखी है। सेवक मान जाता है। 

सबसे पहले मंदिर में व्यापारी आता है और कहता है, भगवान मैंने एक नई फैक्टरी डाली है, उसे खूब सफल करना। वह माथा टेकता है तो उसका पर्स नीचे गिर जाता है। वह बिना पर्स लिए ही चला जाता है। सेवक बेचैन हो जाता है। वह सोचता है कि रोककर उसे बताए कि पर्स गिर गया है लेकिन शर्त के कारण वह नहीं कह पाता। 

इसके बाद एक गरीब आदमी आता है और भगवान से कहता है कि घर में खाने को कुछ नहीं। भगवान मदद कर, तभी उसकी नजर पर्स पर पड़ती है। वह भगवान का शुक्रिया अदा करता है और पर्स लेकर चला जाता है। 

अब तीसरा व्यक्ति आता है। वह नाविक है। वह भगवान से कहता है कि मैं 15 दिनों के लिए जहाज लेकर समुद्र की यात्रा पर जा रहा हूं। यात्रा में कोई अड़चन न आए भगवान। 

तभी पीछे से व्यापारी पुलिस के साथ आता है और कहता है कि मेरे बाद ये नाविक आया है। इसी ने मेरा पर्स चुरा लिया है। पुलिस नाविक को ले जा रही होती है कि सेवक बोल पड़ता है। 

पुलिस सेवक के कहने पर उस गरीब आदमी को पकड़ कर जेल में बंद कर देती है। रात को भगवान आते हैं तो सेवक खुशी-खुशी पूरा किस्सा बताता है। भगवान कहते हैं, तुमने किसी का काम बनाया नहीं बल्कि बिगाड़ा है। वह व्यापारी गलत धंधे करता है अगर उसका पर्स गिर भी गया तो उसे फर्क नहीं पड़ता, उससे उसके पाप ही कम होते क्योंकि वह पर्स गरीब इंसान को मिला था, पर्स मिलने पर उसके बच्चे भूखे नहीं मरते। रही बात नाविक की तो वह जिस यात्रा पर जा रहा था वहां तूफान आने वाला था अगर वह जेल में रहता तो जान बच जाती। उसकी पत्नी विधवा होने से बच जाती। तुमने सब गड़बड़ कर दी।

शिक्षा: कई बार हमारी जिंदगी में ऐसी समस्या आती है। जब हमें लगता है कि ये मेरे साथ क्यों हुआ? लेकिन इसके पीछे भगवान की योजना होती है। जब भी कोई समस्या आए तो उदास मत होना। इस कहानी को याद करना और सोचना कि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। 

Niyati Bhandari

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