राजा बलि और वामन भगवान से जुड़े ये तथ्य नहीं जानते होगें आप !

Tuesday, Sep 10, 2019 - 09:16 AM (IST)

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हिंदू पंचांग के अनुसार आज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा होगी, जिसे वामन जयंती के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भगवान के नाम का जाप करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही आज हम आपको इस दिन के महत्व के बारे में बताएंगे। 

राजा बलि का राज्य संपूर्ण दक्षिण भारत में था। जोकि प्रहलाद के पुत्र विरोचन और विरोचन के पुत्र थे। दक्षिण भारत में वे अपनी जनता के बीच लोकप्रिय थे और दानवीर के रूप में उनकी दूर-दूर तक प्रसिद्धि थी। उन्होंने महाबलीपुरम को अपनी राजधानी बनाया था। दूसरी ओर भगवान वामन हिमालय में रहते थे। उस वक्त अमरावती इंद्र की राजधानी थी।

जब वामन भगवान ने ब्राह्मण वेश में राजा बलि से उस वक्त तीन पग धरती मांग ली जब वे नर्मदा तट पर अपना एक यज्ञ संपन्न कर रहे थे। वहां शुक्राचार्य ने उन्हें सतर्क किया लेकिन बलि ने दान का संकल्प ले लिया। बाद में वामन ने अपना विराट रूप दिखाकर संपूर्ण त्रिलोक्य पर अपना अधिकार जमा लिया और बलि को बाद में पाताल लोक के सुतल लोक का राजा बनाकर अजर-अमर कर दिया।

बता दें कि दक्षिण भारत में खासकर केरल के लोग मानते हैं कि हमारे राजा बलि अजर-अमर हैं और वे ओणम के दिन अपनी प्रजा को देखने वर्ष में एक बार जरूर आते हैं। वह दिन ही ओणम होता है। वहां के कुछ लोगों में यह भी मान्यता है कि वामन भगवान ने उनके साथ छल किया था। ओणम का त्योहार दीपावली की तरह मनाया जाता है, जबकि वामन अवतार तिथि के समय उत्तर भारत में इतनी कोई धूम नहीं होती।

Lata

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