होली के रंगों से बेरंग जिंदगी में भरें रंग

Wednesday, Mar 20, 2019 - 04:14 PM (IST)

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होली रंगों का त्यौहार माना जाता है। हिंदू धर्म की ग्रंथों की मानें तो होली का ये पर्व सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है। इससे जुड़ी बहुत सी ऐसी बातें हैं जिनमें से बहुत के बारे में लोग जानते होंगे। जैसे होली और होलिका दहन से जुड़ी हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की गाथा के बारे में लगभग सभी जानते हैं। पंरतु इससे संबंधित ऐसे भी कई तथ्य हैं जिनसे आज भी लोग अंजान हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं इस पर्व से जुड़ी परंपराओं और उनके आध्यात्मिक महत्व के बारे में-

नहीं होते शुभ काम
मान्यताओं के अनुसार अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक किसी भी प्रकार का कोई भी शुभ काम या नया काम शुरू नहीं किया जाता। शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के आठ दिनों में नवग्रह उग्र रूप में होते हैं, इसलिए इस दौरान किए गए शुभ कामों में अमंगल होने की आशंका अधिक रहती है।

जो होली सो होली
कहा जाता है कि होली शब्द का संबंध होलिका दहन से है। इस शब्द का अर्थ इस बात की ओर भी इशारा करता कि जो होना था हो गया। कहने का मतलब है कि पिछले समय की गलतियां और वैर-भाव को भुलाकर होली के दिन एक दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर रिश्तों की नए सिरे से शुरूआत की जाए।

होली के हैं हजार रंग
माना जाता है कि परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली का पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं अन्य मान्यताओं और परम्पराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश में 'लट्ठमार होली' के रूप में, असम में 'फगवाह' या 'देओल', बंगाल में 'ढोलपूर्णिमा' और नेपाल आदि में 'फागु' नामों से प्रसिद्ध है।

मुगलकाल के दौरान मनाई गई होली
प्राचीन समय की कुछ किंवदंतियों के मुताबिक मुग़ल साम्राज्य के समय में तो होली की तैयारियां बहुत दिन पहले ही शुरू हो जाती थीं। इस बात का प्रमाण ऐतिहासिक पुस्तकों में पढ़ने को मिलता है। इन पुस्तकों के अनुसार मुख्य बादशाह अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफ़र आदि के समय में होली खेली जाती थी।

अच्छाई की जीत का प्रतीक
बता दें कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक होली जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष और दिव्यता होने का संदेश लेकर आती है और जब व्यक्ति इन सबका अनुभव करता है तो उसके अंतःकरण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन रंगमय हो जाता हैं।

नकारात्मक ऊर्जा होती है दूर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होली खेलने से आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, वहीं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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Jyoti

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