लक्ष्मी जी के मौसा थे देवों के देव महादेव?

Sunday, Jun 14, 2020 - 03:20 PM (IST)

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भगवान विष्णु महादेव को अपना पूजनीय मानते हैं तो महादेव श्री हरि विष्णु जी की वंदना करते हैं। आज तक कोई नही समझ पाया कि इन दोनों में श्रेष्ठ कौन हैं? अब ये जानना तो शायद हमारे भी बस की बात नहीं है मगर हम इतना तो समझ ही सकते हैं कि इन दोनों का संबंध क्या है? साथ ही साथ जानेंगे कि भगवान शिव और माता लक्ष्मी का क्या रिश्ता है। बता दें ये कथाएं धार्मिक मान्यताओं के आधार पर है। पंजाब केसरी इस तरह की किसी भी जानकारी की पुष्टि नहीं करता। 

कथाओं की मानें ब्रह्मा जी के एक पुत्र का नाम दक्ष प्रजापित था, जिनकी कई पुत्रियां थी। इनमें से एक थी माता सती और दूसरी पुत्री थी ख्याति थी। माता सती की शादी देवों के देव महादेव से हुई तथा ख्याति जी का विवाह ऋषि भृगु से हुआ था। जिसका अर्थात भगवान शंकर और ऋषि भृगु आपस में साढ़ू भाई हुए। कुछ धार्मिक मान्यताएं के अनुसार भृगु-ख्याति की पुत्री का नाम श्री लक्ष्मी था। तो क्या इसका मतलब हुआ कि भगवान शंकर माता लक्ष्मी के मौसा जी हैं? चलिए विस्तारपूर्वक जानते हैं इस बारे में- 

महर्षि ख्याति से भृगु को दो पुत्र दाता और विधाता मिले और एक बेटी श्री लक्ष्मी का जन्म हुआ। श्री लक्ष्मी का विवाह उन्होंने भगवान श्री हरि विष्णु से कर दिया था। उल्लेखनीय है कि एक कथा के अनुसार शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश माता लक्ष्मी के 'दत्तक-पुत्र' भी हैं!

शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश के माता-पिता का नाम सदाशिव और दुर्गा बताया गया है। उसी तरह तीनों देवियों के भी माता-पिता रहे हैं। पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्मा की पुत्री सरस्वती का विवाह भगवान विष्णु से हुआ था, जबकि ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती अपरा विद्या की देवी थीं जिनकी माता का नाम महालक्ष्मी था और जिनके भाई का नाम विष्णु था। विष्णु ने जिस 'श्री लक्ष्मी' नाम की देवी से विवाह किया था, वह भृगु ऋषि की पुत्री थीं।

Jyoti

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