Kundli Tv- पुनर्जन्म: हकीकत या फ़साना

Tuesday, Sep 18, 2018 - 09:53 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें Video)
देवर्षि नारद और ऋषि अंगिरा कहीं जा रहे थे। राह में उनकी दृष्टि एक मिठाई की दुकान पर पड़ी। दुकान के समीप ही जूठी पत्तलों का ढेर लगा था। उसे खाने के लिए जैसे ही एक कुत्ता समीप आता, वैसे ही दुकान का मालिक उसको जोर से डंडा मारता। डंडा खाकर कुत्ता चीखता हुआ वहां से चला जाता। यह दृश्य देखकर देवर्षि को हंसी आ गई। ऋषि अंगिरा ने उनसे उनकी हंसी का कारण पूछा।

नारद बोले, ‘‘ऋषिवर! यह दुकान पूर्व में एक कंजूस व्यक्ति की थी। उसने बहुत सारे धन का उपार्जन किया, पर दूसरों को उतना ही कष्ट भी दिया। इस जन्म में वह कुत्ता बनकर पैदा हुआ है और दुकान मालिक उसका ही पुत्र है, जिसके लिए उसने सारा धन संग्रह किया। आज उसके हाथ में उसे जूठा भोजन भी नहीं मिल पा रहा। कर्मफल के इसी खेल को देखकर मुझे हंसी आ गई।’’

मनुष्य अपने शुभ एवं अशुभ कर्मों का फल अवश्य पाता है, चाहे इसके लिए जन्म-जन्मांतरों की यात्रा क्यों न करनी पड़े।
अगर आपने घर में पाल रखा है तोता तो ये वीडियो ज़रूर देखें (देखें Video)

Niyati Bhandari

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