Reason Behind Not Eating Rice On Ekadashi: एकादशी पर क्यों नहीं खाए जाते चावल ?

Friday, Apr 05, 2024 - 11:25 AM (IST)

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Why rice is not eaten on Ekadashi: हिंदू धर्म में हर व्रत का अपना ही महत्व है। लोग अपनी इच्छा पूर्ति के अनुसार व्रत रखते हैं। शास्त्रों में हर व्रत के अपने- अपने नियम बताए गए हैं। कहा जाता है कि अगर इनका पालन न किया जाए तो व्रत का कोई फल नहीं मिलता है और ऐसे में व्रत रखना भी व्यर्थ माना जाता है। ऐसे में अगर बात करें एकादशी की तो ये बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को करने से इंसान के पाप कर्म नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। बाकि व्रतों की तरह ही एकादशी के दिन भी तामसिक भोजन करने को मना किया जाता है यानि कि प्याज-लहसून का सेवन एकादशी के दिन वर्जित है क्योंकि इन्हें राक्षसी भोजन माना जाता है। 

इसके अलावा एकादशी पर चावल का सेवन न करने के लिए कहा जाता है। एकादशी के व्रत के दिन चावल खाने से मन में अशुद्धता आती है लेकिन चावल खाने को पाप मानने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या है ?  क्या आप जानते हैं ? 

Reason Behind Not Eating Rice On Ekadashi:  पौराणिक कथा के मुताबिक माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्याग कर दिया और उनका अंश पृथ्वी में समा गया। मान्‍यता है इसके बाद चावल और जौ के रूप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुए थे। यही वजह है चावल और जौ को जीव मानते हैं। 

कथा के अनुसार जिस दिन महर्षि मेधा का अंश पृथ्वी में समाया उस दिन एकादशी तिथि थी। तभी से एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। कहते हैं कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेधा के मांस और रक्त का सेवन करने जैसा है।

Why we should not eat rice on ekadashi scientific reason: वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिक तथ्‍यों के मुताबिक चावल में जल तत्व की मात्रा अधिक होती है। वहीं जल पर चंद्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है। चावल खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ती है। इससे मन विचलित और चंचल होता है। मन के चंचल होने से व्रत के नियमों का पालन करने में बाधा आती है। यही वजह है कि एकादशी के दिन चावल से बनी चीजों का खाना वर्जित है।

Never Do These Things On Ekadashi To Avoid Bad Karma बुरे कर्मों से बचना है तो एकादशी के दिन न खाएं ये चीजें:  एकादशी के दिन लहसुन, प्‍याज, मांस, मछली और अंडा नहीं खाना चाहिए। इसके अतिरिक्त एकादशी के दिन जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेमफली भी नहीं खानी चाहिए।

धर्म शास्त्रों में एकादशी के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने का भी निर्देश दिया गया है। कहा जाता है एकादशी पर व्रती को कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। व्रत के दौरान किसी के प्रति मन में ईर्ष्या-द्वेष की भावना भी नहीं आनी चाहिए। लड़ाई-झगड़े से भी बचना चाहिए। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए रात को सोना नहीं चाहिए।

Niyati Bhandari

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