Ravivar Ke Upay: सूर्य देव के इन उपायों से उदासी भरे जीवन में छा जाएंगे खुशियों के बादल
punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 04:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ravivar Ke Upay: सूर्य देव को ऊर्जा, जीवन और चेतना का प्रतीक माना गया है। वे नवग्रहों में प्रमुख हैं और उन्हें आत्मा का कारक भी कहा गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि सूर्य देव हमारे घर और जीवन से प्रसन्न हों, तो सफलता, सेहत और समृद्धि खुद ही हमारे जीवन में आने लगती है। सूर्य देव की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष वास्तु उपायों का पालन किया जाए, तो न केवल नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है बल्कि सकारात्मक उन्नति के द्वार भी खुलते हैं।
इन वास्तु उपायों से प्रसन्न होते हैं सूर्य देव:
पूर्व दिशा को रखें स्वच्छ और खुला
सूर्य की पहली किरण पूर्व दिशा से ही आती है। यदि इस दिशा में कोई रुकावट, भारी फर्नीचर, गंदगी या बंद खिड़कियां हों, तो यह सूर्य की ऊर्जा को अवरुद्ध कर सकती हैं। रोज सुबह पूर्व दिशा की खिड़कियां खोलें। यहां हल्का रंग जैसे सफेद, पीला या क्रीम उपयोग करें। इस क्षेत्र को हमेशा स्वच्छ और अनावश्यक सामान से मुक्त रखें।
सूर्य नमस्कार और सूर्य को अर्घ्य देना
यह न केवल एक आध्यात्मिक अभ्यास है बल्कि वास्तु के अनुसार ऊर्जा संतुलन का साधन भी है। रोज सुबह तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, अक्षत डालें और सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
सूर्य यंत्र की स्थापना करें
वास्तु शास्त्र में सूर्य यंत्र को सूर्य की ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। इसे घर की पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा में स्थापित करें। सूर्य यंत्र को प्रतिदिन धूप अगरबत्ती दिखाएं और साफ रखें। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशियों के द्वार खुलने लगते हैं।
दीवारों पर सूर्य का चित्र या प्रतीक लगाएं
सूर्यदेव का चित्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। मुख्य द्वार या ड्राइंग रूम की पूर्व दिशा में सूर्यदेव का प्रतीक लगाएं। इससे घर में तेजस्विता और सकारात्मकता बनी रहती है।
घर में रोशनी का उचित प्रवाह बनाए रखें
सूर्य ऊर्जा के लिए प्राकृतिक प्रकाश का होना अत्यंत आवश्यक है। सुबह का सूरज घर के अंदर आए, इसका ध्यान रखें। भारी परदे या बंद खिड़कियों से बचें।