Rang Panchami 2020: देवताओं से आशीर्वाद पाने का होता है ये शुभ दिन

Friday, Mar 13, 2020 - 10:39 AM (IST)

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रंग पंचमी का पर्व चैत्र माह कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। ये पर्व होली के ठीक 5 दिन बाद आता है और इस बार ये दिन आज यानि 13 मार्च को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि पर पड़ने के कारण ही इसे रंग पंचमी का पर्व कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन होली की तरह ही रंगों के साथ खेला जाता है और देवताओं का आवाहन किया जाता है। इस त्योहार को लेकर शास्त्रों में अलग-अलग मान्यताएं हैं। 

रंग पंचमी त्योहार की यह भी मान्यता है कि इस दिन जब रंगों को जब एक-दूसरे को लगाया जाता है और गुलाल को हवा में उड़ाया जाता है, तो देवी-देवता आकर्षित होते हैं और बुरी शक्तियों का नाश होता है। इसी उद्देश्य से सभी का पसंदीदा यह त्योहार भारत के हर राज्य एवं हर स्थान पर मनाने की एक अलग ही परंपरा है। इसमें कुछ स्थानों पर होली के पांचवें दिन यानी चैत्र कृष्ण पंचमी को रंग पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान रामचंद्र फाल्गुन के महीने में अपने तेरह साल लंबे वनवास के दौरान चंदेरी को पार कर इस भूमि को पवित्र किया। इसी कारण, रंग पंचमी होली के पांच दिनों के बाद करीला की एक पहाड़ी के शीर्ष पर फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है। यह उत्सव बेदिया जाति की महिलाओं, बेदनी, द्वारा राय नृत्य के प्रदर्शन के साथ गोधूलि बेला में शुरू होता है, जिसमें पुरुषों द्वारा ज्वलंत मशालों को ऊपर पकड़ा रखा जाता है। चंदेरी और उसके आसपास के क्षेत्रों से पांच लाख से अधिक पुरुष इस बड़े तमाशा को देखने के लिए आते हैं।

भारत के कई स्थानों पर होली से भी ज्यादा रंग पंचमी पर रंग खेलने की परंपरा है। कई जगहों पर धुलेंडी पर गुलाल लगाकर होली खेली जाती है, तो रंग पंचमी पर अच्छे-खासे रंगों का प्रयोग कर रंगों का त्योहार मनाया जाता है। खासतौर पर मध्यप्रदेश में होली के साथ-साथ रंग पंचमी खेलने की परंपरा काफी पौराणिक है। इस दिन मालवावासियों की रंग पंचमी की गेर की टोलियां सड़कों पर निकलती हैं तथा एक-दूसरे को रंग लगाकर इस त्योहार की खुशियां इजहार करती हैं।

Lata

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