Rameswaram: विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है रामेश्वरम
punjabkesari.in Saturday, Feb 17, 2024 - 08:30 AM (IST)
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Rameswaram: रामेश्वरम एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में स्थित एक खूबसूरत द्वीप है जो 12 ज्योतिर्लिंगों और चार धामों में से एक है। हम चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से वातानुकूलित ट्रेन चंडीगढ़-मदुरै सुपरफास्ट एक्सप्रैस द्वारा मदुरै पहुंचे, जो चंडीगढ़ से लगभग 2900 किलोमीटर दूर है। मदुरै से ट्रेन या सड़क मार्ग से रामेश्वरम पहुंचना होता है जहां से यह लगभग 175 किलोमीटर दूर है।
Rameshwaram tourism: हम शाम साढ़े पांच बजे मदुरै स्टेशन पर थे क्योंकि 6 बजे रामेश्वरम के लिए लोकल ट्रेन चलती है। जैसे-जैसे ट्रेन रामेश्वरम द्वीप की ओर बढ़ रही थी, समुद्र तट का सुंदर दृश्य सामने आ रहा था। अंधेरा घिरने पर ऐसा लगा कि प्रकृति ने सुबह तक के लिए इन सुंदर दृश्यों को अपनी गोद में छुपा लिया हो। ट्रेन जब रात में पम्बन ब्रिज के ऊपर से गुजरी तो शानदार रोशनी में यह बहुत ही खूबसूरत नजर आ रहा था।
रामेश्वरम तक पहुंचने के लिए खतरनाक रेलवे पुल ‘पम्बन ब्रिज’ को पार करना पड़ता है, जो समुद्र के ऊपर लगभग दो किलोमीटर लम्बा है। यह पुल दुनिया के सबसे खतरनाक पुलों में से एक है। ट्रेन बहुत धीमी गति से इस पर से गुजरती है। इसके समानांतर सड़क पुल भी है।
इस ब्रिज का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान अगस्त 1911 में शुरू हुआ और 3 साल की अवधि के बाद 1914 में पूरा हुआ था। ट्रेन से यात्रा करने के अलावा, यहां पहुंचने वाले यात्री सड़क पुल के एक तरफ खड़े होकर भी इसे देखते हैं। 1988 में सड़क पुल के निर्माण से पहले पम्बन पुल देश के साथ रामेश्वरम द्वीप को जोड़ने का एकमात्र माध्यम था।
Rameshwaram Temple रामेश्वरम मंदिर
अगले दिन सुबह हम रामेश्वरम मंदिर में नतमस्तक हुए और पूजा की। भारत के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। दर्शनों के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ता है। यह हिन्दू धर्म का एक पवित्र स्थान है। यहां सुंदर मूर्तिकला देखते ही बनती है। मंदिर की विशाल सुनहरे रंग की इमारत बहुत ही सुंदर है। मंदिर बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। हर साल चार धाम यात्रा के तहत भी लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।
Beautiful evening view शाम का सुंदर दृश्य
पर्यटक शाम के समय समुद्र तट का नजारा देख सकते हैं। वे समुद्र में गोते लगाते हैं और अठखेलियां करते हैं। समुद्र की लहरों के साथ घुलने-मिलने से आत्मा को शांति मिलती है।
Gurudwara Guru Nanak Dham गुरुद्वारा गुरु नानक धाम
रामेश्वरम में स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक धाम सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी का चरण छोह तीर्थस्थल है, जो बहुत सुंदर है। मुख्य सड़क से बाईं ओर गुरु नानक देव जी से जुड़ा यह तीर्थ है। मान्यता है कि श्रीलंका से वापसी पर 1511 ईस्वी में गुरु नानक देव जी के पवित्र चरण यहां पड़े थे और वह यहां कुछ दिनों तक रुके थे।
गुरु-घर की खुली और विशाल इमारत तथा स्वच्छ वातावरण आत्मा को सुकून प्रदान करता है। तीर्थयात्रियों के रहने के लिए कमरे, स्नान-गृह, लंगर-हॉल आदि की अच्छी सुविधा प्रशंसनीय है। पेड़-पौधों से घिरी गुरु घर की खुली योजना वाली इमारत और शांतिपूर्ण वातावरण में समय गुजार कर लगता है जैसे दुनिया भर की चिंताएं पंख लगा कर उड़ गई हों। गुरु घर का प्रबंधन चेन्नई गुरुद्वारा समिति द्वारा किया जा रहा है। फलों से लदे नारियल और आंगन में नीम के पेड़ भी सुंदर दिखते हैं। यहां प्रतिदिन नितनेम के बाद प्रार्थना होती है।
Dhanushkodi beach धनुषकोडी समुद्र तट
अगले दिन धनुषकोडी नामक समुद्र तट पर पहुंचे, जो भारत के सुदूर छोर पर श्रीलंका की सीमा के पास स्थित है। रामेश्वरम से 18 किलोमीटर सीधी सड़क समुद्र तट पर जाकर समाप्त होती है। यह सड़क दो ओर से समुद्र से घिरी है। यह खूबसूरत जगह 1964 में तूफान की चपेट में आ गई थी। आज भी उस आपदा के निशान यहां साफ देखे जा सकते हैं।
समुद्र तट पर मछुआरों की कुछ झोपड़ियां हैं। उड़ती सूखी रेत छोटे-छोटे तेज थपेड़ों की तरह महसूस होती हैं। भारत के इस अंतिम छोर पर पर्यटकों की भीड़ रहती है। यहां पहुंचने के लिए रामेश्वरम से टैक्सी और ऑटो उपलब्ध हैं।
रास्ते में लौटते समय उस स्थान पर मौजूद एक सुंदर मंदिर के दर्शन हुए, जहां श्रीराम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था।
Raw fresh coconut कच्चे ताजे नारियल
चारों ओर देखने पर घरों, इमारतों और खाली जगहों पर नारियल के पेड़ सुंदर दृश्य पेश करते हैं। अस्पतालों, धार्मिक स्थानों और कार्यालयों के प्रांगण में नारियल से लदे पेड़ आकर्षक लगते हैं। सड़कों किनारे बिकने वाले कच्चे नारियल स्वादिष्ट और गर्मी में ठंडक प्रदान करते हैं।
Missileman Dr. A.P.J. Birthplace of Abdul Kalam मिसाइलमैन डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्मस्थान
मिसाइलमैन के नाम से मशहूर दिवंगत राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने अपने बचपन के दिन इसी धरती पर बिताए थे। हमने यहां उनके उस पैतृक घर को नमन किया, जहां वह काफी समय रहे थे।
Dr. A.P.J. Abdul Kalam Memorial डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मैमोरियल
रामेश्वरम में डा. कलाम जी का स्मारक भी है, जो उनकी जीवन भर की सफलताओं का गवाह है। यह स्मारक बहुत प्रभावशाली है, जहां उनकी सभी उपलब्धियों को बहुत ही अच्छी तरह से प्रदर्शित किया गया है जो इस महान व्यक्तित्व की स्मृति को जीवित रखे हुए हैं।
North indian cuisine उत्तर भारतीय व्यंजन
पारम्परिक दक्षिण भारतीय व्यंजनों का आनंद तो लिया जा ही सकता है, इसके अलावा रामेश्वरम में तीन-चार पंजाबी ढाबे हैं, जहां उत्तर भारतीय व्यंजन उपलब्ध हैं। उत्तर भारतीय यात्री इन ढाबों पर अपना पसंदीदा भोजन प्राप्त कर सकते हैं। समुद्र से घिरे रामेश्वरम द्वीप के सुंदर दृश्यों के बारे में केवल वही लोग समझ सकते हैं जो इसे करीब से देखते हैं। यह यात्रियों के लिए विरासत से भरपूर एक सुंदर और दर्शनीय स्थान है।