अब अमेरिका के लोग भी देखेंगे भगवान राम की ‘‘वीरता और साहस’’ की कहानी

Saturday, Aug 03, 2019 - 05:13 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
हमारे देश में तो ऐसी कई जगहें आदि हैं जहां से हमें हिंदू धर्म के बारे में जानने को मिल जाता है। मगर अब अमेरिका के सबसे बड़े कला संग्रहालय ‘द मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट’ की एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को बेहद खुशी होगी। जी हां, अमेरिका के कला संग्रहालय में भारतीय महाकाव्य ‘ रामायण’ दिखाया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार यहां हिंदू ग्रंथ ‘रामायण’ साल भर तक चलने वाली एक प्रमुख प्रदर्शनी का केंद्र बिंदू होगा। जिसमें 17 वीं से 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के राजपूत और पहाड़ी दरबारों के लिए बनाए गए 30 चित्रों को प्रस्तुत किया जाएगा। बताया जा रहा है इस एक साल तक चलने वाली प्रदर्शनी को ‘सीता एंड राम: द रामायण इन इंडियन पेंटिंग’ का नाम दिया गया है जो इस महीने की 10 तारीख यानि 10 अगस्त से शुरू होगी।

संग्रहालय ने कहा है कि इस प्रदर्शनी में 17 वीं और 19 वीं शताब्दी के बीच उत्तर भारत के राजपूत और पहाड़ी राज दरबारों के लिए बनाए गए चित्रों को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके केंद्र में पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास संस्कृत कवि वाल्मीकि द्वारा रचित महाकाव्य रामायण की कल्पना विद्यमान है। “प्रदर्शनी में 30 ‘‘उत्कृष्ट चित्रों” को प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें लंका के राजा रावण द्वारा श्री राम की पत्नी सीता के अपहरण के बाद राम को उन्हें बचाने की “वीर और साहसी कथा” का विस्तार किया  जाएगा।

संग्रहालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताओं को दो तरीकों से दिखाया जाएगा। जिसमें 19 वीं शताब्दी की एक दुर्लभ पेंटिंग भी शामिल है, इसका शीर्षक ‘तांत्रिक फॉर्म ऑफ मंकी गॉड हनुमान’ है, यह द मेट कलेक्शन का एक नया संयोजन है। कहा जा रहा है पहली बार इसे सार्वजनिक रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

इसके अलावा इसमें ‘श्री राम, सीता और लक्ष्मण वन में कैसे अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं’ दिखाया जाएगा, जो परिष्कृत प्राचीन पहाड़ी चित्रकला परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। ये भी इस अद्भुत प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण बताया जा रहा है। 18  वीं शताब्दी का एक दुर्लभ टेक्सटाइल पीस, ‘राम और रावण के बीच का द्वन्द’ और 6 चित्रों का मुख्य समुह जो कि द शांगरी रामायण की 1690 से 1710 ई तक की श्रृंखला से है इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण बनेगा। बताया गया है कि इस प्रदर्शनी को द मिरियम और इरा डी Wallach Foundation Fund की मदद से बनाया गया है।
 

Jyoti

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