Ramayana Story: आखिरी सांसें गिनते समय रावण ने दी थी लक्ष्मण जी को ये सीख

Monday, Jan 22, 2024 - 10:40 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ramayana Story: श्री राम के बाणों से बुरी तरह घायल रावण मरणासन्न था। राम ने लक्ष्मण से कहा, “रावण शास्त्रों व राजनीति का महान ज्ञाता है। तुम उसके पास जाओ और राजनीति का उपदेश लेकर आओ। भगवान श्रीराम की आज्ञा को शिरोधार्य करके लक्ष्मण रावण के पास गए और उसके सिर के पास खड़े होकर बोले,  “हे लंकाधिपति अब आपका अंतिम समय आ गया है, मैं राजनीति का ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा से आपके पास आया हूं। कृपा करके मुझे राजनीति का कुछ ज्ञान दीजिए।

रावण ने लक्ष्मण को सिर के पास खड़ा देखकर आंखें बंद कर लीं। लक्ष्मण निराश होकर राम के पास आ गए और पूरी घटना राम को सुना दी।

राम ने पूछा, “लक्ष्मण, जब तुमने रावण से राजनीति का ज्ञान प्राप्त करने की प्रार्थना की तुम कहां खड़े थे?

लक्ष्मण ने बताया,  “मैं रावण के सिर के पास खड़ा था।

 राम ने कहा, “तुमने यही गलती की है, जिससे ज्ञान प्राप्त किया जाता है उसके चरणों की ओर खड़ा होना चाहिए। यही धर्म शास्त्रों की नीति है। तुम पुन: रावण के पास जाओ और हाथ जोड़कर प्रणाम करके उसके चरणों के पास खड़े होकर प्रार्थना करना, फिर देखना वह कैसा व्यवहार करता है।”

लक्ष्मण पुन: रावण के पास गए और उसके चरणों के पास खड़े होकर उपदेश की प्रार्थना करने लगे। रावण ने मुस्कुराते हुए आशीर्वाद दिया और कहा,  “हे लक्ष्मण ! इस समय मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि धर्म कार्य करने में व्यक्ति को एक क्षण का भी विलम्ब नहीं करना चाहिए और धर्म विरुद्ध कार्य करते समय सौ बार सोचना चाहिए। बस मेरा यही उपदेश है।”

 इस प्रकार रावण ने अपने जीवन के अनुभवों का सार कुछ ही शब्दों में समझा दिया।

Niyati Bhandari

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